मार्गों के उत्तरोत्तर बढ़ती आवश्यकता लगातार बढ़ते यातायात के दबाव की समस्या का समाधान करने तथा नई तकनीक का प्रयोग कर कैसे लागत में कमी करते हुये सड़क निर्माण के समय को कैसे कम करें तथा पर्यावरण की सुरक्षा को ध्यान में रखकर सड़क निर्माण की नई तकनीक विषयक बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर के केन्द्रीय विश्वविद्यालय के भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेयी सभागार में आयोजित लखनऊ काॅन्फ्रेंस तकनीकी विशेषज्ञों के विचार मंथन से प्राप्त सुझावों के साथ सम्पन्न हो गयी।
कार्यशाला सम्पन्न होने के बाद प्रदेश के उपमुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने लोक निर्माण विभाग के विश्वेश्वरैया सभागार में प्रेस वार्ता करते हुये कहा कि मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि लखनऊ काॅन्फ्रेंस में 14 राज्यों के लोक निर्माण मंत्री प्रदेश के प्रतिष्ठित संस्थानों के प्रोफेसर एवं विशेषज्ञों एवं केन्द्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान से आये तकनीकी विशेषज्ञों तथा वैज्ञानिकों के साथ अन्य देशों से आये तकनीकी विशेषज्ञों व विभिन्न प्रान्तों से आये वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों ने भाग लिया, और अपने विचार व्यक्त किये तथा नई तकनीक व नई पे्रक्टिस के सम्बन्ध में अनमोल सुझाव दिये।
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि विशेषज्ञों द्वारा मार्गों के निर्माण हेतु देश तथा विदेशों में अपनायी गई नई तकनीक के आयामों पर चर्चा की गयी, जिसमंे आधुनिकतम मशीनों के उपयोग से लागत में कमी लाए जानें, निर्माण का समय कम करने के साथ सड़कों के अनुरक्षण तथा मरम्मत में कैसे नई तकनीक एवं नई मशीनों का उपयोग किया जा सके, इस पर भी गहन विचार-विमर्श हुआ।
मार्गोंपर यातायात की सुरक्षा हेतु भी अनेक प्रस्ताव व सुझाव दिये गये। देश के विशषज्ञों के साथ जर्मनी, फ्रांस व नीदरलैण्ड के विशेषज्ञों द्वारा भी काॅन्फ्रेंस में भाग लिया गया व अनेक देशों में नई तकनीक के प्रयोग के सम्बन्ध में काॅन्फ्रेंस को अवगत कराया गया। इसके अतिरिक्त एव भव्य प्रदर्शनी का आयोजन लखनऊ काॅन्फ्रेंस द्वारा किया, जिसमें लगभग 30 स्टाल विभिन्न कम्पनियों तथा शोध संस्थानों द्वारा लगाये गये, कुछ विदेशी कम्पनियों द्वारा भी मशीनों एवं टेक्नोलाॅजी को प्रदर्शित करने हेतु स्टाल लगाये गये। मुख्य अतिथि मा0 नितिन गडकरी जी द्वारा इस प्रदर्शनी में विशेष रूप से रूचि ली गई तथा प्रत्येक स्टाल पर स्वयं जाकर जानकारी हासिल की गई। राजकीय निर्माण निगम एवं सेतु निगम द्वारा किये गये कार्याें का प्रदर्शन भी स्टाल के माध्यम से किया गया। मा0 केन्द्रीय मंत्री जी द्वारा उत्तर प्रदेश के निममों द्वारा किये गये प्रदर्शन का भी संज्ञान लिया गया एवं प्रशंसा की गई।
विभिन्न प्रदेशों से अये हुए प्रतिनिधियों को एक तकनीकी टूर, (राज्य राजमार्ग सं0-25, लखनऊ हरदोई मार्ग) पर भी ले जाया गया, जहां पर नवीन तकनीक द्वारा जर्मनी से आयातित रिसाइक्लर मशीन से सीमेंट ट्रीटेड बेस का कार्य प्रगति में था। सभी प्रतिनिधियों द्वारा कार्य को काफी सराहा गया।
सभी सुझावों को सम्मिलित करते हुए विशेषज्ञों द्वारा संकलित संस्तुतियां प्रस्तुत की गयी। सरकार द्वारा उन प्रस्तुतियों पर विचार किया जायेगा तथा आवश्यक निर्णय लिये जायेगें। उत्तर प्रदेश के अनेक मंत्रियों, सांसद एवं विधायकगणों द्वारा भी कान्फ्रेंस में भाग लिया गया।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में नवीन तकनीकी से सड़क बनाने के लिए तकनीकी विशेषज्ञों की कमेटी बनायी जायेगी ताकि प्रदेश में उसको लागू कर कम समय तथा कम लागत में अधिक टिकाऊ सड़के बना सके उन्होंने बताया कि पहले सड़को की आयु 5 वर्ष आकी जाती थी। लेकिन नयी तकनीक से सड़के बनाने में आयु 20 वर्ष तक हो जाती है।
श्री मौर्य ने कहा कि अब प्रदेश में 7 मीटर से कम चैड़ी सड़के नहीं बनेगी। हमारा प्रयास है कि कम से कम दो लेन सड़क बने, इसके साथ ही ठेकेदारो की समस्याओं का निराकरण कराने हेतु कान्फ्रेंस की जायेंगी तथा सभी कार्य पूर्ण पारदर्शिता, गुणवत्ता एवं समयबद्धता के साथ होंगे। उन्होंने कहा कि लोक निर्माण विभाग हर दिन नये कदम व नयी दिशा की ओर बढ़ रहा है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री,लखनऊः 10 दिसम्बर, 2017