उत्तर प्रदेश में ग्रामीण प्रौद्योगिकी की निरन्तर बढ़ती आवश्यकता और सुदूर गाॅवों तक आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विज्ञान प्रौद्योगिकी परिषद, उ0प्र0 द्वारा विज्ञान भवन के सर सी.वी.रमन प्रेक्षागृह में आयोजित एक दिवसीय सेमिनार के मुख्य अतिथि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव हेमन्त राव ने उद्घाटन अवसर पर अपने सम्बोधन में कहा कि प्रदेश का समग्र विकास ग्रामीण प्रौद्योगिकी के विकास से ही सम्भव है।
श्री राव ने सेमिनार में उपस्थिति विभिन्न उद्योगों, स्वैच्छिक संस्थाओं, तकनीकी संस्थाओं, सीएसआईआर, आईसीएआर, अंतरिक्ष विभाग सहित तमाम केन्द्रीय व राज्य सरकार के प्रतिनिधियों तथा नवअन्वेषी युवाओं का आवाह्न करते हुए कहा कि सुदूर गाॅवों में निवास करने वाले ग्रामीणों के बीच तमाम सिद्ध व उपयोगी प्रौद्योगिकियाॅ आज भी स्थानीय स्तर पर उपलब्ध हैं अतः उनका बेहतर विकास, उच्चीकरण, व्यवसाय औद्योगिकीकरण और समाज के प्रत्येक वर्ग के बीच उपयोग की निरन्तर जरूरत है। इस दिशा में ग्रामीणों द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियों का उपयोग वर्तमान परिदृश्य में बढ़ रहे प्रदूषण व अन्य हानिकारक प्रभावों को रोकने में निश्चित रूप से सार्थक है। श्री राव ने बल दिया कि ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा तथा स्वास्थ्य की गुणवत्ता में सुधार के लिये भी कम कीमत की ग्रामीण प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देने के लिए सभी क्षेत्रों के वैज्ञानिकों, तकनीकीविदों, उद्यमियों और शहरी युवाओं को आगे आकर ग्रामीणों के साथ मिलकर काम करने की सम्भावनायें असीमित हैं। इस कार्य के लिए परिषद की ओर से जो भी सहयोग और सहायता की आवश्यकता होगी, उसे प्राथमिकता के साथ कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा।
सेमिनार के दौरान तकनीकी सत्र में विशेष रूप से बायोगैसी फायर, कृषि अपशिष्टों के उपयोग से अक्षय ऊर्जा, गाय व भैस के मल-मूत्र से ग्रेन्यूल्स, बर्मी कम्पोस्ट, बायोगैस चूल्हा, पशु शक्ति से बिजली का उत्पादन, फ्लोरीकल्चर, पेपर, बैगमेकिंग, मेडिसनल प्लान्ट कल्टीवेशन, घोड़े के घुर में पहनाने के लिए नाल, स्वच्छ पेय-जल संरक्षण, खाद्य प्रसंस्करण, आॅवला तोड़ने की तकनीक तथा जीरो एनर्जी सोलर ड्रायर आदि पर आईआईटी कानपुर, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, बायोमाॅस गैसीय फायर गोरखपुर, कानपुर गौशाला तथा यूपी नेड़ा के वैज्ञानिकों, तकनीकी विशेषज्ञों व उद्यमियों ने अपने-अपने पाॅवर प्रजेन्टेशन के माध्यम से प्रस्तुतीकरण करके प्रतिभागी विद्यार्थियों, युवाओं तथा उद्यमियों को उत्प्रेरित किया। एक दिवसीय सेमिनार में विशेष रूप से चर्चा की गयी कि ग्रामीण प्रौद्योगिकी के विभिन्न क्षेत्रों में आवश्यक शोध, विकास, हस्तानांतरण और लोकप्रियकरण आदि को कई नये आयामों के साथ आगे बढ़ने के लिए आगे भी परिषद द्वारा बृह्द स्तर पर नयी परियोजनाओं को चलाने जाने का निर्णय लिया गया।
अतिथियों का स्वागत सम्बोधन परिषद के निदेशक डाॅ. एम.के.जे.सिद्धीकी, धन्यवाद ज्ञापन संयुक्त निदेशक, श्री आई.डी.राम तथा कार्यक्रम का संचालन डाॅ. हुमा मुस्तफा ने किया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री,,लखनऊ