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गीता पढाए जाने का विरोध शर्मनाक - राकेश त्रिपाठी

Posted on 08 December 2017 by admin

लखनऊ 08 दिसम्बर 2017, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने विद्यालयों में श्रीमद्भागवत गीता पढाए जाने के निर्णय का विरोध करने वाले विपक्षी दलों पर जमकर हमला बोला। श्री त्रिपाठी ने कहा भारतीय सांस्कृतिक विरासतों को पूरा विश्व स्वीकार कर रहा है। भारत के योग को इस्लामिक देशों सहित विश्व के 150 से अधिक देशों ने स्वीकार किया और अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर योग किया। विश्व धरोहर समिति ने कुम्भ मेला को यूनेस्कों की विरासत सूची में शामिल कर भारतीय अध्यामिक पंरपरा को सम्मान दिया है। वन्दे मातरम् विश्व का दूसरा सर्वाधिक लोकप्रिय गीत है लेकिन यह दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत में ही कुछ लोग भारतीय संस्कृति, परम्परा, रीति रिवाजों पर गर्व करने की बजाय उसे कटघरे में खड़ा करते है।
श्री त्रिपाठी ने कहा कि गीता का संदेश कर्मयोग की वृहद व्याख्या करता है। गीता संासारिक कर्तव्यों के पालन की प्रेरणा देता है जिनमें सम्पूर्ण मानवता का कल्याण निहित है। उत्तर प्रदेश के विद्यालयों में स्वतत्रता संग्राम सेनानी लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक द्वारा लिखित ‘‘गीता रहस्य‘‘ पुस्तक पर आधारित प्रतियोगिता बच्चों के मन में कर्म प्रधानता का भाव भरेगी। लेकिन इसको मजहबी भाव से देखना और इसका विरोध करना विपक्ष की मानसिक न्यूनता को दिखता है। भाजपा सरकार के हर निर्णय और विचार का विरोध करने की आदत ने विपक्ष को मानसिक तौर पर कमजोर कर दिया है। वन्दे मातरम्, भगवा रंग, सूर्य नमस्कार और योग के विरोध के बाद अब गीता पढाए जाने का विरोध शर्मनाक व निन्दनीय है।

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