लखनऊ - भारतीय जनता पार्टी ने बरेली में लगातार हो रहे साम्प्रदायिक उपद्रव के लिये बसपा सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। प्रदेश उपाध्यक्ष प्रवक्ता हृदयनारायण दीक्षित ने आज शनिवार को सम्वाददाताओं से वार्ता करते हुए कहा कि पिछले 12 दिनों से बरेली साम्प्रदायिक आग में झुलस रही है। कानून व्यवस्था ध्वस्त है। बसपा सरकार तुष्टीकरण की राजनीति कर रही है। सरकार को सिर्फ वोट बैंक की चिन्ता है, जनता की नहीं। सरकार की प्राथमिकता 15 मार्च की रैली है।
श्री दीक्षित ने कहा कि तुष्टीकरण की राजनीति के कारण ही सरकार ने आई0एम0सी0 प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खां को रिहा किया। उपद्रव के आरोपी तौकीर रजा खां की रिहाई से बरेली में जनाक्रोश भड़का है। बसपा सरकार जनाक्रोश को दबाने के लिये दमन की नीति अपना रही है। उन्होंने बताया कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी ने बरेली में हुए दंगों की जांच के लिये सांसद श्रीमती मेनका गांधी के नेतृत्व में तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है। सांसद योगी आदित्यनाथ तथा सांसद राजेन्द्र अग्रवाल समिति के सदस्य हैं। समिति कल बरेली के लिये रवाना होगी।
प्रवक्ता ने कहा कि बसपा सरकार कट्टरपन्थी ताकतों के आगे नतमस्तक हो गई है। कट्टरपन्थी ताकतें बरेली में सरेआम कानून की धज्जियां उड़ा रही हैं। प्रशासन सरकार के इशारे पर मौन है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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