श्री त्रिपाठी के काव्य संग्रहों का लोकार्पण

Posted on 06 December 2017 by admin

साहित्य यानि सकारात्मक सोच - राज्यपाल

जयपुर, 6 दिसम्बर। राज्यपाल श्री कल्याण सिंह ने कहा है कि सकारात्मक सोच बनाने वाला लेखन ही साहित्य होता है। उन्होंने कहा कि जीवन की टेड़ी-मेड़ी राहों से सुगम मार्ग बनाने में साहित्य सहयोगी होता है।photo-1-6

राज्यपाल श्री सिंह ने बुधवार को यहां राजभवन में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल श्री केशरी नाथ त्रिपाठी की कृतियां ‘‘खयालों का सफर‘‘ और ‘‘जख्मों पर शबाब‘‘ के राजस्थानी में अनुदित काव्य संग्रहों का लोकार्पण किया।

राज्यपाल श्री सिंह ने कहा कि श्री त्रिपाठी पचास वर्षों से उनके मित्र हैं। हमारे मत व मन में कभी भिन्नता नही आई। सदैव मधुर सम्बन्ध रहे। बहुमुखी प्रतिमा के धनी श्री त्रिपाठी की कविताओं में जीवन की गहराइयां हंै। राज्यपाल ने कहा कि इन काव्य संग्रहों का अनुवाद सम्यक है। उन्होंने कहा कि श्री त्रिपाठी ने राजनीति, वकालात, कविता और मित्रता में मिशाल कायम की है।
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल श्री केशरी नाथ त्रिपाठी ने कहा कि श्री कल्याण सिंह से उनके सम्बन्ध हाथ की लकीरों की तरह हैं। उन्होंने कहा कि यह कविताएं थल, नभ, जल में रचित हुई हैं। कविताएं अनायास ही बन जाती हैं। कविता का स्रोत कैसे व कहां से उत्पन्न होता है, उसका पता ही नही चलता है।
श्री कला नाथ शास्त्री, काव्य संग्रहों की अनुवादक डाॅ. जेबा रशीद व श्री सुन्दरम शांडिल्य ने काव्य संग्रहों के बारे में चर्चा की। राज्यपाल श्री त्रिपाठी ने उनके कार्य में सहयोग के लिए श्री रामेश्वर लाल गोयल, डाॅ. रणजीत सिंह चैहान व श्री विवेक बैद का सम्मान किया। संचालन व स्वागत उद्बोधन डाॅ. प्रकाश त्रिपाठी ने किया।

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