लखनऊ, 04 दिसम्बर 2017
उत्तर प्रदेश में विद्यमान उद्योगों से संबंधित समस्याओं व प्रकरणों के त्वरित निराकरण व नियमित अनुश्रवण हेतु एक महत्वपूर्ण कदम के तहत मा. मुख्यमंत्री, योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त तथा अध्यक्ष-उद्योग बन्धु, अनूप चन्द्र पाण्डे की अध्यक्षता में प्रथम उच्च स्तरीय बैठक का आयोजन आज यहाँ योजना भवन में किया गया। इसमें अधिषासी निदेशक, उद्योग बन्धु - सुश्री अलकनंदा दयाल के साथ लगभग 50 उद्यमियों सहित 15 सम्बन्धित विभागों के प्रमुख सचिव, सचिव व विभागाध्यक्षों ने प्रतिभाग किया।
उद्योग बन्धु के अध्यक्ष व अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त (आईआईडीसी), अनूप चन्द्र पाण्डे ने सभी उद्यमियों का स्वागत करते हुए कहा कि जब राज्य में विद्यमान उद्योग व उद्यमी संतुष्ट होंगे तभी नये निवेशक आएंगे। अतः मा. मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार नवीन व्यवस्था के अन्तर्गत प्रत्येक माह के प्रथम् सोमवार को अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त की अध्यक्षता में बैठक आयोजित कर उद्योगों की समस्याओं को संबंधित उद्योगपतियों को आमंत्रित कर निराकरण किया जाएगा। इसमें संबंधित विभागों के प्रमुख सचिव, सचिव व विभागाध्यक्षों को भी बुलाया जाएगा। श्री पाण्डे ने कहा कि इस क्रम में सभी मण्डलायुक्त अपने स्तर पर बैठक करेंगे तथा जिन समस्याओं का समाधान उनके स्तर पर नहीं हो पाएगा उन प्रकरणों पर भी इस उच्च स्तरीय बैठक में विचार किया जाएगा। कालान्तर में इसी प्रकार की उच्च स्तरीय बैठक मुख्य सचिव व मा. मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित की जाएंगी।
औद्योगिक नीति के अनुसार पात्र उद्योगों को दी जाने वाली इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी से छूट के सम्बन्ध में प्रमुख सचिव, ऊर्जा- आलोक कुमार ने सूचित किया कि इसके लिए अधिसूचना तैयार है, जिस पर आईआईडीसी द्वारा निर्देशित किया गया कि अधिसूचना को 31 दिसम्बर 2017 तक जारी कर दिया जाए।
मे. मधुचन्द्रा टेक्नोकेम काॅम्प्लेक्स प्रा. लि., फतेहपुर को पुनर्वासन पैकेज के अन्तर्गत प्रदान की जाने वाली विद्युत बिल की बकाया राशि के समायोजन हेतु अधिशासी निदेशक, उद्योग बन्धु ने बताया कि इसके लिए अलग से बजट का प्राविधान करना होगा। आईआईडीसी ने विद्युत विभाग को निर्देश दिया कि इकाई को विद्युत संयोजन तुरन्त अवमुक्त किया जाए तथा बकाया राशि के समायोजन हेतु अलग से समाधान किया जाएगा।
आईआईडीसी, अनूप चन्द्र पाण्डे ने कहा कि सर्वेक्षण कराकर यह जानकारी की जाए कि भू-उपयोग परिवर्तन की दरें उत्तर प्रदेश में अन्य राज्यों की तुलना में अधिक न हो।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से सम्बन्धित प्रकरणों के विषय में प्रमुख सचिव, पर्यावरण व वन, श्रीमती रेणुका कुमार ने बताया कि अब हर सप्ताह कैम्प लगा कर उद्यमियों के प्रकरणों का उनके समक्ष पारदर्शी रूप से निराकरण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि शीघ्र ही अनापत्तियाँ आॅनलाइन प्रदान की जाएंगी, आवेदनों की स्थिति वेबसाइट पर देखी जा सकेगी तथा हेल्पलाइन भी शुरू की जाएगी।
सूचित किया गया कि मण्डी परिषद द्वारा दिसम्बर 2017 के अन्त तक ई-लाइसेंसिंग की व्यवस्था शुरू हो जाएगी तथा जनवरी 2018 तक साॅफ्टवेयर के माध्यम से गेटपास दिए जाएंगे। निदेशक मण्डी परिषद द्वारा बताया गया प्रदेश के मण्डी अधिनियम में बड़े सुधार करने की तैयारी चल रही है, जिसके अन्तर्गत निजी मण्डियों की स्थापना, बल्क परचेज़ तथा शीतगृहों व वेयरहाउसेज़ को मण्डी सब-यार्ड का दर्जा प्रदान किया जा सकता है। इसके साथ ही शीघ्र ही काॅन्ट्रैक्ट फाॅर्मिंग एक्ट भी लाया जाएगा, जिससे खाद्य एवं कृषि प्रसंस्करण को वांछित प्रोत्साहन मिलेगा।
आईआईडीसी ने गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) को निर्देशित किया कि गोरखपुर में मेगा फूड पार्क की स्थापना हेतु भूमि का प्रबन्ध शीघ्र किया जाए।
इसी प्रकार आज की बैठक में प्रदेश के उद्यमियों के विभिन्न क्षेत्रों से सम्बन्धित कुल 50 प्रकरणों के समाधान हेतु विचार किया गया। अधिकतर प्रकरणों का निराकरण कर सम्बन्धित विभाग को समयबद्ध निष्पादन हेतु निर्देशित किया गया। बैठकों में उद्यमियों एवं औद्योगिक संगठनों तथा सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों ने सक्रिय प्रतिभाग किया।
बैठक में उद्यमियों के अतिरिक्त प्रमुख सचिव, ऊर्जा- आलोक कुमार, प्रमुख सचिव, खादी एवं ग्रामोद्योग- नवनीत सहगल, प्रमुख सचिव, पर्यावरण एवं वन-श्रीमती रेणुका कुमार, प्रमुख सचिव, आवास- मुकुल सिंघल, प्रमुख सचिव, पशुपालन- सुधीर एम बोबड़े, आवास आयुक्त- धीरज साहू, सचिव, औद्योगिक विकास एवं अधिशासी निदेशक, उद्योग बन्धु- सुश्री अलकनंदा दयाल आदि वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रतिभाग किया।