लखनऊ 02 दिसम्बर 2017, भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमों मायावती निकाय की जनता के जनादेश का अपमान कर रही है। प्रदेश मुख्यालय में प्रदेश प्रवक्ता डाॅ0 चन्द्रमोहन ने कहा कि अखिलेश यादव 2012 निकाय चुनाव परिणाम पर भी सवाल खड़ा कर रहे है। देश में तकनीकी का प्रयोग बढ रहा है। निकाय चुनाव में 14 नगर निगम, 596 पार्षद, 100 नगर पंचायत, 70 नगर पालिकाओं में भाजपा की एतिहासिक विजय से इतने घबराए और बौखलाए कि खुद को युवा रहनुमा कहलाने में गर्व करने वाले सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने चैबीस घंटे ट्विट करके आरोप लगाने में लगा दिये।
प्रदेश प्रवक्ता डाॅ0 चन्द्रमोहन ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी लोकतंत्र में आस्था रखने वाली पार्टी है। हम चुनाव को लोक सम्पर्क का पर्व मानकर सहभागिता करते है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ0 महेन्द्र नाथ पाण्डेय, प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, डाॅ0 दिनेश शर्मा सहित पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने परिश्रम की पराकाष्ठा की और नगर विकास संकल्प पत्र जनता के मध्य रखा। वहीं सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमों मायावती ने एक बार फिर नगरीय जनता से मुंह चुराया। सपा और बसपा के नेता चुनाव में अधिकृत प्रत्याशियों को चुनाव में खडा करने के बाद भी केन्द्र सरकार की लोकप्रियता से घबरा कर पहले खुद प्रचार में नहीं गए अब ईवीएम राग अलाप रहे है। उनके पास शहर की सम्मानित जनता के सामने कहने के लिए कुछ था ही नहीं।
प्रदेश प्रवक्ता डाॅ0 चन्द्रमोहन ने सपा और बसपा के नेताओं को नसीहत देते हुए कहा कि वह चुनाव परिणाम का सम्पूर्ण विश्लेषण कर हर जगह भाजपा की ही बढत मिलेगी सम्मानीय जनता ने 2014 के लोकसभा चुनाव और 2017 के विधानसभा चुनाव के बाद निकाय चुनाव में एक बार फिर से जातीय राजनीति करने वालों को सबक सिखाया है। प्रदेश में विपक्ष की पार्टियांें को जमीनी हकीकत को समझना चाहिए।