लखनऊ, 30 नवम्बर-2017, निर्वाण प्राप्त भदन्त प्रज्ञानन्द जी बाबा साहब डा0 अम्बेडकर महासभा के प्रथम अध्यक्ष थे। डा0 अम्बेडकर महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा0 लालजी प्रसाद निर्मल ने कहा है कि वर्ष 1956 में बाबा साहब डा0 अम्बेडकर के बौद्ध धर्म के दीक्षा कार्यक्रम में शामिल भिखु संघ मे बौद्ध भिक्षु प्रज्ञानन्द भी थे। मूल रूप से श्रीलंका के निवासी गलगेदर प्रज्ञानन्द 14 वर्ष की उम्र मे ही भारत आ गये थे और लालकुआँ स्थित रिसालदार पार्क में भदन्त बोधानन्द के शिष्य बने। वर्ष 1990-91 में डा0 अम्बेडकर जन शताब्दी समारोह समिति के भदन्त प्रज्ञानन्द जी अध्यक्ष रहे तथा देश के सर्वोच्च सामाजिक संस्था अम्बेडकर महासभा के प्रथम अध्यक्ष भी रहे। उन्होने पूर्व राष्ट्पति श्री के0आर0 नारायण के अम्बेडकर महासभा आगमन पर श्रावस्ती से लायी गयी बोधि वृक्ष की शाखा को रोपित किया गया। वर्ष 1991 में बाबा साहब डा0 अम्बेडकर की पत्नी डा0 सविता अम्बेडकर और बाबा साहब डा0 अम्बेडकर को धम्म दीक्षा दिलाने वाले भिक्षु प्रज्ञानन्द जी ने संयुक्त रूप से अम्बेडकर महासभा मे डा0 अम्बेडकर की पवित्र अस्थियों को जनता के दर्शनार्थ स्थापित किया था।
डा0 निर्मल ने बताया कि बौद्ध भिक्षु प्रज्ञानन्द जी देश के सबसे वरिष्ठ बौध भिखु थे। उन्होने बताया कि भन्ते प्रज्ञानन्द की स्मृति में एक स्मारक स्थल बनाने की मांग करेंगे। आज बौद्ध बिहार रिसालदार पार्क में भन्ते प्रज्ञानन्द जी को पूर्व सचिव भारत सरकार श्री हरीश चन्द्र अम्बेडकर महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा0 लालजी प्रसाद निर्मल, एस0आर0 दारापुरी, प्रो0 रामनरेश चैधरी, बीना मौर्या, डा0 सत्या दोहरे, श्री जगतनारायण, अमरनाथ प्रजापति, डा0 कौलेश्वर प्रियदर्शी, विक्रम सुमन, रामशंकर, विजय कुमार, रामचन्द्र पटेल आदि ने पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजली अर्पित की।