समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनावों के तीसरे चरण के लिए 29 नवम्बर 2017 को मतदान होना है। इसमें 26 जनपदों के मतदाता 233 निकायों में अपने प्रतिनिधि चुनेंगे। पहले और दूसरे चरण के मतदान में जिस तरह का रूझान दिखाई दिया है उससे स्पष्ट है कि प्रदेशवासियों में भाजपा के प्रति गहरा आक्रोश है और समाजवादी पार्टी के प्रति उनमें भरोसा है। भाजपा के झूठे वादों से मतदाता नाराज हैं और वे अब फिर उसके बहकावे में आने वाले नहीं है।
लोकतंत्र में चुनाव निष्पक्ष एवं स्वतंत्र रूप से हों, यह पहली शर्त है। लेकिन नगर निकाय चुनावों को अपने मनमाफिक प्रभावित करने के लिए सŸाारूढ़ दल को सŸाा का दुरूपयोग करने में जरा भी संकोच नहीं है। बड़ी संख्या में मतदाताओं को मतदान से वंचित रखा गया है। पूरी राज्य सरकार महीनों से प्रचार में लगी है। जनहित के तमाम काम ठप्प हैं। समाजवादी पार्टी की कथनी करनी में एकता और बेदाग छवि से जनता में मिल रहे समर्थन से भाजपा नेतृत्व सहमा है और वह भय व आतंक के सहारे जीतने की कोशिश में है।
प्रदेश के मतदाता इस तथ्य से भली भांति अवगत हैं कि भाजपा राज में जनहित का एक भी उल्लेखनीय काम नहीं हुआ है। आठ महीनों से राज्य की भाजपा सरकार समाजवादी सरकार के कामों को ही अपना बताकर दिन काट रही है। उसने जनकल्याण की कई योजनाएं ठप्प कर दी है। विकासकार्यों में रोड़ा अटकाया जा रहा है। जनता इनसे निकायों में बेहतरी की उम्मीद कैसे कर सकती है?
प्रदेश के मतदाताओं को संविधान से जो मताधिकार मिला है उसका पूरे दायित्व के साथ निर्वहन अपेक्षित है। जनता को अपने मत से अपने भविष्य का निर्माण करना है। समाजवादी पार्टी जाति धर्म की राजनीति नहीं करती है और नहीं समाज को बांटने का काम करती है। वह विकास और सबको सम्मान के साथ जीने का अवसर दिये जाने की पक्षधर है। भाजपा की तरह वह लोगों को भ्रमित नहीं करती है। उम्मीद है मतदाता पूर्ण निष्पक्षता एवं स्वतंत्रता के साथ अपने संवैधानिक मताधिकार का प्रयोग करेंगे। समाजवादी पार्टी का चुनाव निषान साईकिल है। इस साईकिल वाले बटन को दबाना न भूलंे।