मकोका के बाद गहन जानकारी के लिए लाया गया बाबा
बाबा को देखने के लिए उत्सुक नहीं दिखे ग्रामीण
मानिकपुर - सेक्स स्कैण्डल में फंसे इच्छाधारी उर्फ भीमानन्द उर्फ शिवमूरत द्विवेदी के ऊपर मकोका लगाने के बाद दिल्ली पुलिस के एएसपी बाबा को एक बार फिर उसके पैतृक गांव चमरौहां लेकर पहुंचे। जहां बाबा से साईंधाम मन्दिर की दूसरी मंजिल में खड़े होकर काफी देर तक पूछताछ की। इसके बाद पुलिस उसे लेकर उसके घर भी पहुंची। जहां ढाई घंटे से अधिक समय तक रुकी रही। दिल्ली पुलिस टीम के मुखिया एएसपी मेहर सिंह ने कहा कि इच्छाधारी ने देह व्यापार में जो आमदनी की है उसी से जुड़ी प्रापर्टी व जमा रुपए का रहस्य जानने के लिए उसे लाया गया है।
उल्लेखनीय है कि देह व्यापार करने के आरोप में दिल्ली पुलिस ने बीते दिनों इच्छाधारी उर्फ भीमानन्द उर्फ शिवमूरत द्विवेदी को गिरफ्तार किया था। जिसे रिमाण्ड में लेने के बाद पिछला जीवन खंगालने के लिए दिल्ली पुलिस बीती 6 मार्च को बाबा को लेकर मानिकपुर पहुंची थी और भारी सुरक्षा के बीच पैतृक गांव चमरौहां गई थी। जहां कई घंटों तक उसके पारिवारिक लोगों सहित ग्रामीणों से जानकारी लेकर दिल्ली के लिए रवाना हो गई थी। इसी के बाद ही बाबा इच्छाधारी के ऊपर मकोका लगाया गया था। मकोका लगने के बाद शुक्रवार को एक बार फिर दिल्ली पुलिस की टीम इच्छाधारी उर्फ शिवा को लेकर रीवांचल एक्सप्रेस से मानिकपुर पहुंची। इस बार पहले की तरह बाबा को देखने के लिए न तो भारी भीड़ जुटी थी और न ही उसकी सुरक्षा के लिए लंबा चौड़ा पुलिस बल।
टीम के मुखिया ए.एस.पी मेहर सिंह के साथ दो इंस्पेक्टर व आठ सशस्त्र सिपाही बाबा को लेकर मानिकपुर रेलवे गेस्ट हाउस में कुछ देर रुके। उसके बाद दो प्राइवेट गाड़ियों में इच्छाधारी को लेकर टीम उसके पैतृक गांव चमरौहां पहुंची। जहां इच्छाधारी ने साईंधाम मन्दिर में विराजमान बजरंग बली के दर्शन किए। इस बीच एएसपी सिंह उसे लेकर निर्माणाधीन मन्दिर की दूसरी मंजिल पर गए जहां उन्होंने बाबा से लगभग एक घंटे तक बातचीत की। इस दौरान मीडिया कर्मियों को काफी दूर ही रोक दिया गया था। इधर बाबा को लाने की खबर गांव के लोगों में फैल गई और उसके पिता बच्चा द्विवेदी, बड़ा भाई डा. कृष्णमूर्ति द्विवेदी भी मन्दिर के पास ही आ गए। ए.एस.पी के साथ नीचे उतरे इच्छाधारी पिता के पैर छू पुलिस के साथ अपने पैतृक घर पहुंच गया। जहां मुख्य दरवाजा सभी के प्रवेश करते हुए बन्द कर दिया गया। वहां पर लगभग दो घंटे तक टीम रुकी रही। लगभग चार बजे बाहर निकले ए.एस.पी मेहर सिंह ने कहा कि इच्छाधारी द्वारा देह व्यापार के जरिए जो आमदनी की है उसी से सम्बंधित प्रापर्टी व जमा किए गए रुपये की जानकारी लेने के लिए ही इच्छाधारी को यहां लाया गया है। वहीं उनसे जब पिछली बार भी बाबा को लाने के बाद अब तक सामने आए महत्वपूर्ण साक्ष्यों को व खुलासे के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बात घुमाते हुए कहा कि मकोका लगने के बाद गहन जांच के लिए इच्छाधारी को उसको पैतृक गांव लाया गया है। इसके बाद टीम बाबा अपने साथ गाड़ियों में बैठा वापस मानिकपुर कस्बे पहुंची जहां से देर शाम जनपद मुख्यालय की ओर चली आई।
उधर इच्छाधारी के बड़े भाई कृष्णमूर्ति ने कहा कि मन्दिर निर्माण के एक साल पूरे होने पर बाबा जी बड़े कार्यक्रम की तैयारी बनाए थे। जिससे विरोधियों ने साजिश के तहत उनको फंसा दिया है। वहीं उनसे जब साजिश कर्ताओं के नाम पूछे गए तो वे शान्त हो गए।