धारा 25 व 26 में मुस्लिमों को कानूनी संरक्षण - हाजी हारून
राजनैतिक लाभ के लिए मुस्लिम पर्सनल लॉ से छेड.छाड.- डा0 नैयर रजा
सुल्तानपुर - शहर के एक होटल में मुस्लिम पर्सनल लां बोर्ड के स्थानीय प्रतिनिधि मौलाना अब्दुल लतीफ इमाम जामा मिस्जद तथा मौलाना कसीम कासमी इमाम जामा मिस्जद बीबिया ने पत्रकारो को सम्बोधित करते हुए कहा कि आये दिन मुस्लिम पर्सनल लां कानून के जरिये पर्सनल लां में छेडछाड हो रही है तथा हमारे अधिकारों में हस्तक्षेप किया जा रहा है। मौलाना लतीफ व मौलाना कासमी साहब ने संयुक्त रूप से कहा कि मुस्लिम पर्सनल लां का गठन सन् 1937 मे हुआ था तब से आज तक पर्सनल लां का स्वरूप कितना बदल दिया गया। जिसके विरूद्व आगामी 21 मार्च को आल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल ला का 21वां संम्मेलन लखनउ में होने जा रहा है जिसमें विभिन्न मुद्दों पर विचार विमर्श करके ठोस निर्णय लिए जायेंगे।
पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए अली मिया नदवी एजूकेशनल सोसाइटी के जनरल सेकेटरी मौलाना सुहैल अहमद नदवी ने कहा कि 1937 से अब तक मुस्लिम पर्सनल लॉ में कई बार बदलाव किए गये जिससे मुसिलमों के हक पर डाका डालने जैसा है। मौलाना नदवी ने कहा कि आगामी 21 मार्च को लखनउ में होने वाली आम सभा में सुलतानपुर से दस हजार से अधिक लोग शिरकत करेंगे। वार्ता को आगे बढाते हुए हाजी हारून ने कहा कि भारतीय संविधान की धारा 25 व 26 में मुसिलम पस्रनल लॉ को पूरा कानूनी संरक्षण प्राप्त है लेकिन इसके बाद भी अक्सर पर्सनल लॉ को ही निशाना बनाया जाता है ।
डा0 नैयर रजा जैदी ने पत्रकारों से कहा कि समय - समय पर ऐसे निर्णय आते भी रहे हैं कि मुस्लिम लॉ को पूरी आजादी होनी चाहिए लेकिन राजनैतिक लाभ के चलते इस कानून में हस्तपक्षेप होते रहते हैं बैर हाल मुस्लिम पर्सनल लॉ के विरूद्ध दिए गये अदालती निर्णयसे मुस्लिमों में आक्रोश है। जिसका असर लखनउ की आम सभा की बैठक में देखने को मिलेगा। उक्त अवसर पर मौलाना जमाल नदवी , मौलाना खालिद, मौ0 आसिफ कासिमी तथा मिर्जा फुजैल अहमद आदि दर्जनों लोग उपस्थित रहे। अन्त में हाजी हारून ने सभी का आभार व्यक्त किया तथा समाचार पत्रों के माध्यम से जनपद के मुस्लिमों से 21 मार्च को लखनउ में होनें वाली आम सभा में पहुंचने की अपील किया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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