जैसा कि आप जानते हैं कि मधुमेह एक अनुवांशिक एवं उपचय बीमारी हैं जो कि ना सिर्फ खून में ग्लूकोज की मात्रा को प्रभावित करती है अतएव यह शरीर के विभिन्न अंगो पर भी बुरा प्रभाव डालती है, यदि इसकासही वक्त पर इलाज न हो, या पता न चले तो ये हमारे धमनियों में उच्च रक्तचाप, गुर्दे की बीमारी, लीवर की बीमारी, मस्तिष्क की बीमारी, दिल की बीमारी तथा आंखों की बीमारी पैदा कर सकती है। जो कि इलाज के अभाव में हमारी गुर्दा, लीवर, दिल, आंखों तथा मस्तिष्क को निष्क्रिय कर हमें मरणाशन कर सकती है।
यदि बात हिन्दुस्तान के संदर्भ में की जाए तो हमारी बदलती हुई जीवन शैली, अत्यधिक प्रदूषण तथा दिन प्रति जीवन में आगे बढ़ने की होड़ में उत्पन्न हुए मानसिक दबाव तथा अत्यधिक कम नींद होने से हमारे देश में मधुमेह अपना पैर जमाता जा रहा है जिसकी वजह से भारत विश्व में मधुमेह रोगियों की राजधानी बनता जा रहा है। मित्रों इस खतरनाक बीमारी को हमारे देश में फैलने से रोकने का एक ही उपाय है, हमारी जीवन शैली में सही बदलाव, नियमित व्यायाम तथा मधुमेह के प्रति जानकारी का प्रसार हमारे देश के आम मानवीय को मधुमेह से वक्त रहते बचा सकती है।
विश्व मधुमेह दिवस 1991 में अंतर्राष्ट्रीय संघ व विश्व स्वास्थ्य संघ के द्वारा मधुमेह के बढ़ते दुष्प्रभाव के संदर्भ में लिया गया एक संयुक्त निर्णय के रूप में बनाया गया दिवस है। जिसे हर वर्ष 14 नवम्बर को पूरे विश्व में मनाया जाता है।
मधुमेह एक महामारी के तौर पर भारत को बहुत ही तेजी से अपने गर्भ में समाता जा रहा है। आज के वक्त में भारत में मधुमेह के 6 करोड़ 20 लाख स्पष्ट मधुमेह रोगी दर्ज हो चुके हैं। वर्ष 2000 में भारत में विश्व के सबसे ज्यादा 3 करोड 17 लाख मधुमेह रोगी दर्ज किये गये थे, तथा चीन दूसरे नम्बर पर 2 करोड़ 8 लाख रोगियों के साथ रहा तथा अमेरिका विश्व में 1 करोड 77 लाख रोगियों के साथ विश्व में तीसरा सबसे अधिक मधुमेह रोगियों की संख्या दर्ज करने वाला राष्ट्र था।
इस वर्ष विश्व मधुमेह दिवस 2017 का विषय है-”नारी और मधुमेह-स्वस्थ्य भविष्य हमारा हक“
कुछ महत्वपूर्ण जानकारियों नारी और मधुमेह के संदर्भ में-
ऽ अंतर्राष्ट्रीय मधुमेह संघ के अनुसार मधुमेह विश्व में महिलाओं की मौत का नौवा सबसे प्रमुख कारण है। एक अनुमान के अनुसार विश्व में मधुमेह के कारण 20 लाख महिलाओं की हर वर्ष मृत्यु हो जाती है। हर 10 में से 1 महिला मधुमेह से ग्रसित है। जो महिलाओं में टाइप 2 डाइबिटिस से ग्रसित है उनमें हृदय का रोग सामान्य महिलाओं की अपेक्षा 10 गुना अधिक होता है।
ऽ जो महिलाएं टाइप 1 मधुमेह से ग्रसित है उनमें इलाज के अभाव में गर्भपात तथा नवजात बच्चों में विकृत अंगो की संभावना सामान्य महिलाओं की अपेक्षा अधिक पाई जाती है। हर 5 में से 2 महिलाएं अपने प्रजनन उम्र में मधुमेह से ग्रसित हो जाती है।
ऽ एक अनुमान के अनुसार अनुमन 50 प्रतिशत वो महिलाएं जो गर्भ धारण के समय (गर्भ धारण के समय कुछ वक्त तक रहने वाला मधुमेह) से ग्रसित थी वह नियमित व्यायाम के अभाव तथा खान पान में परहेज न रखने के कारण गर्भ धारण के 5 से 10 वर्ष बाद टाइप 2 मधुमेह का शिकार बन जाती है।
मधुमेह से बचने के क्या उपाय अपनाने चाहिए?
ऽ हमारे देश में महिलाओं के प्रति गंभीर बीमारियों के संदर्भ में विस्तृत जानकारी एवं सुविधाएं उपलब्ध कराने में विशिष्ट ध्यान देने की आवश्यकता है।
ऽ हमारे देश मे मधुमेह की दवाईयाँ, मधुमेह के समाधान से सम्बन्धित उच्च तकनीक तथा मधुमेह से सम्बन्धित उचित जानकारी एवं ज्ञान हर महिला की पहुँच में होना चाहिए। जिससे उनको मधुमेह की रोकथाम तथा नियंत्रण करने में आसानी रहें।
ऽ हमारे देश की हर महिला को गर्भ धारण से पहले, गर्भ धारण के दौरान होने वाले मधुमेह के खतरे से बचने के लिए उचित सुविधाएं जानकारियों तथा समाधान उपलब्ध कराया जाना चाहिए।
ऽ हमारे देश की हर महिला को शारीरिक व्यायाम तथा रोग के माध्यम से चुस्त दुरूस्त रहे ऐसी सुविधाएं एवं अनुकूल वातावरण उपलब्ध होना चाहिए।
ऽ महिलाओं में मानसिक दबाव का स्तर कम रहे तथा उन्हें विस्तृत नींद, तथा उत्कृष्ट आहार मिले ऐसा वातावरण बनाना चाहिए।
ऽ महिलाओं को जंक फूड तथा कोल्ड ड्रिंक के बढ़ते इस्तेमाल से परहेज करना चहिए तथा जीवन में नियमित तौर पर फाइबर युक्त खाना जैसे (दलिया, मौसम के अनुसार फल, खाने के साथ सलाद, अंकुरित आहार तथा मौसम के अनुसार सब्जियों का उपयोग प्रचुर मात्रा में करना चाहिए एवं वसा युक्त भोजन से परहेज करना चाहिए।
ऽ जिन महिलाओं को मधुमेह है या होने की संभावना है उन्हें डाक्टर द्वारा दिए गए सुझाव के अनुसार रहना चाहिए।
ऽ जिन महिलाओं को मधुमेह है वो अपनी दवाइयाँ नियमित समय पर लें तथा व्यायाम जरूर करें या नियमित पैदल चलें।
मित्रों आइये हम हाथ मिलाए और हमारे देश में बढ़ते हुए मधुमेह को उचित समय पर रोके और अपने बच्चों, महिलाओं तथा परिवार को एक स्वस्थ्य भारत का भविष्य दें। स्वस्थ्य महिला ही स्वस्थ परिवार वादा है।
Dr. A.K. Tiwari
Jai Clinic & Diabetes care centre