लखनऊ 13 नवम्बर 2017, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता मनीष शुक्ल ने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा भाजपा के संकल्प पत्र को छल पत्र कहे जाने पर कड़ा एतराज जताते हुए कहा उन्हें अपने गिरेबान में झांक कर देखना चाहिए। अपने मुख्यमंतित्व काल में नौजवानों की नौकरियों को लूटा, लोक सेवा आयोग समेत सभी आयोगों को भ्रष्टाचार के आरोप में माननीय न्यायालय ने बर्खास्त किया। दरोगा-सिपाही भर्ती भ्रष्टाचार की शिकार हुई। खनन माफिया को अखिलेश यादव का संरक्षण प्राप्त था फलतः माननीय न्यायायल को हस्तक्षेप करना पड़ा।
श्री शुक्ल ने सोमवार को यहां कहा कि अखिलेश जी जो वादा कर 2012 में सत्ता में आये उसे पूरा नहीं किया। अखिलेश जी ने राज्य के मासूमों को भी नहीं छोड़ा। उनके साथ भी छल किया। 12वीं पास छात्रों को लैपटॉप देने को कहा था। बांटना शुरू किया और फिर बंद कर दिया था। हद यो तब हो गई जब उन्होंने 10वीं पास छात्रों को टेबलेट देने से साफ मना कर दिया।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि अखिलेश जी मुख्यमंत्री रहते हुए गन्ने का समर्थन मूल्य न बढ़ाकर, गेहूं और धान समेत अन्य फसलों को उचित मूल्य पर न खरीदकर किसानों के साथ छल किया है। मनीष शुक्ल ने कहा कि अखिलेश जी के संस्कारों में ही छल करना समाया हुआ है क्योंकि उन्होंने अपने पिता समेत पार्टी के कई संस्थापकों को भी नहीं छोड़ा, उनके साथ भी छल किया। पिता मुलायम सिंह यादव ने अपने जीवन की समूची पूंजी उन्हें सौंप दिया और अखिलेश जी मुख्यमंत्री बनने के बाद अपने पिता को धोखे से बलात् राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटा दिया।
भाजपा प्रवक्ता ने अखिलेश यादव को नसीहत देते हुए कहा कि बेहतर होता कि अखिलेश जी स्थानीय निकाय चुनाव में भागीदारी के पूर्व प्रदेश की जनता से अपने पूर्ववर्ती कार्यकाल में किये गये वादाखिलाफी पर माॅफी माॅगते और प्रदेश की जनता को बताते कि उनकी पार्टी का नगर निगमों, नगर पालिका एवं नगर पंचायत के विकास के बारे में क्या दृष्टिकोण है ?