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राष्ट्रधर्म केवल पत्रिका नहीं एक विचार भी है - श्री नाईक
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लखनऊ: 12 नवम्बर, 2017
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक ने आज माधव सभागार, निराला नगर में आयोजित एक समारोह में मासिक पत्रिका ‘राष्ट्रधर्म’ के सिंहावलोकन विशेषांक का लोकार्पण किया। इस अवसर पर ‘राष्ट्रधर्म गौरव सम्मान 2017’ से अनेक साहित्यकारों एवं लेखकों को स्मृति चिन्ह, प्रशस्ति पत्र, अंग वस्त्र एवं नकद पुरस्कार देकर सम्मानित भी किया गया। समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उप मुख्यमंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा सहित राष्ट्रधर्म के सम्पादक प्रो0 ओम प्रकाश पाण्डेय, प्रभारी निदेशक श्री सर्वेश चन्द्र द्विवेदी, प्रबंधक श्री पवनपुत्र बादल सहित अन्य विद्वतजन भी उपस्थित थे।
राज्यपाल ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सुझाव दिया कि वितरक किसी भी पत्रिका के महत्वपूर्ण घटक होते हैं। इसलिए वितरकों पर आधारित एक विशेष आयोजन पत्रिका राष्ट्रधर्म को करना चाहिए। पत्रिका कुछ लोगों तक सीमित न रहे, नित नए नूतन विचार सब तक पहुंचाने के लिए सर्कुलेशन बढ़ाने की जरूरत है। सिंहावलोकन करते समय पत्रिका के भविष्य के लक्ष्य के साथ अधिक विस्तार का संकल्प लें। उन्होंने कहा कि राष्ट्रधर्म केवल पत्रिका नहीं एक विचार भी है।
श्री नाईक ने कहा कि राष्ट्रधर्म देश की पत्रकारिता में एक महत्वपूर्ण मासिक पत्रिका है जिसका सम्पादक देश का प्रधानमंत्री बना। राष्ट्रधर्म पत्रिका के समक्ष कई कठिनाईयाँ आई, लेकिन पत्रिका का निरन्तर प्रकाशन हुआ जो अंततः पत्रिका के लिए मृत्युंजय साबित हुआ। पत्रिका राष्ट्रधर्म बिना रूके सतत चलती रही जिसका अर्थ यह है कि यह एक विचार ही नहीं बल्कि इसमें विचार को आगे ले जाने की शक्ति है। इस दृष्टि से सिंहावलोकन का निर्णय स्वागतयोग्य है।
राज्यपाल ने कहा कि राष्ट्रधर्म के सम्पादकगण की लम्बी श्रृंखला रही है जिन्होंने अपनी लेखनी के आधार पर पत्रिका की पताका केवल देश ही नहीं विदेशों तक फहराई। 70 वर्ष तक किसी पत्रिका को चलाना आसान काम नहीं है। भाऊराव देवरस, पं0 दीनदयाल एवं पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की दूरदृष्टि, योगदान एवं कलम की ताकत से राष्ट्रधर्म की पहचान बनी है।
उप मुख्यमंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा ने कहा कि राष्ट्रधर्म के लेख इतने स्तरीय होते हैं कि लोग उदाहरण के तौर पर उसकी तुलना करते हैं। पत्रिका विभिन्न कठिनाई के दौर से गुजरी लेकिन उसकी लेखनी, लोकप्रियता एवं विश्वसनीयता प्रभावित नहीं हुई। उन्होंने पूर्व सम्पादकों के बारे में चर्चा करते हुए पूर्व सम्पादक अटल जी एवं वचनेश त्रिपाठी जी से जुडे़ संस्मरण भी साझा किए। उन्होंने कहा कि ऐसे सम्पादकगण पूरे समर्पण के साथ काम करते थे।
इस अवसर पर राष्ट्रधर्म गौरव सम्मान से डाॅ0 (श्रीमती) बिनय षडंगी राजाराम, डाॅ0 रामसेनही लाल शर्मा ‘यायावर’, डाॅ0 योगेश, डाॅ0 नीरजा माधव, डाॅ0 राकेश कुमार सिंह, श्री अनूपमणि त्रिपाठी, डाॅ0 गीता गुप्त, डाॅ0 मंजीरी शुक्ला सहित अन्य लोगों को भी सम्मानित किया।
कार्यक्रम का संचालन श्री पवनपुत्र बादल ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन राष्ट्रधर्म के सम्पादक प्रो0 ओम प्रकाश पाण्डेय ने किया।