लखनऊ - भारतीय जनता पार्टी ने बसपा सरकार पर बरेली साम्प्रदायिक दंगों में तुष्टीकरण की नीति अपनाने व पूरे महानगर को अराजकता में अपने ही हाल पर मरने के लिये छोड़ दिया है। प्रदेश अध्यक्ष डॉ0 रमापातिराम त्रिपाठी ने आज यहां जारी एक बयान में कहा कि बरेली की पूरी घटना बसपा सरकार की तुष्टीकरण नीति और प्रशासनिक ढिलाई का परिणाम है। सरकार ने अपनी नाक बचाने के लिये प्रकारान्तर से प्रशासनिक लापरवाही की बात स्वीकार कर ली है और इसी के चलते डी0आई0जी0 सहित कई वरिष्ठ अधिकारियों के तबादले भी हुए हैं। लेकिन सरकार ने शरारती तत्वों की धरपकड़ और बहुसंख्यक समुदाय की सुरक्षा के लिये कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया।
डॉ0 त्रिपाठी ने कहा कि अब तक 9 दिन हो गये हैं, लेकिन बरेली महानगर के लोग कर्फ्यू में ही जीने के लिए मजबूर हैं। शरारती तत्व खुल कर खेल रहे हैं। दुकानें और तमाम सम्पत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं। लेकिन सरकार के निर्देश पर स्थानीय प्रशासन टुकुर-टुकुर ताक रहा है। सरकार को अपने वोट बैंक की चिन्ता है और 15 मार्च को होने वाली रैली की ही प्राथमिकता है। बरेली की आम जनता का संरक्षण और कानून व्यवस्था की बहाली सरकारी एजेण्डे में नहीं है। सरकार सच छिपा रही है। उसने घायलों और पीड़ितों का हालचाल लेने और घटना की असलियत जानने से स्वयं मुझे भी रोक दिया था। सरकार ने बरेली को आग में झोंकने वाले शरारती तत्वों को गिरतार नहीं किया। लेकिन मेरे ऊपर शान्ति भंग की आशंका का झूठा आरोप लगाया और बरेली जाने से रोक दिया। साफ जाहिर है कि शरारती तत्वों ने बरेली का जनजीवन तबाह कर दिया है और सरकार सच्चाई छिपा रही है।
प्रदेश अध्यक्ष ने मांग की कि बरेली की स्थिति फौरन ठीक की जाये। तुष्टीकरण के आधार पर शरारती, अराजक तत्वों को खुलकर खेलने की छूट देने के बजाय उन्हें जेल के सींखचों में ड़ाला जाये, वरना भाजपा छुप नहीं बैठेगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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