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पीएम मोदी की इस ऐतिहासिक पहल के बाद नोटबंदी चर्चा का विषय बन गया है

Posted on 09 November 2017 by admin

bjp_1510144460लखनऊ 08 नवम्बर 2017, भारतीय जनता पार्टी प्रदेश मुख्यालय पर केन्द्रीय कपड़ा एवं सूचना प्रसारण मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी एवं प्रदेश अध्यक्ष डाॅ0 महेन्द्र नाथ पाण्डेय कि पत्रकार वार्ता के मुख्य अंश:-
ऽ एक वर्ष पूर्व कालेधन व भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में नोटबंदी का ऐतिहासिक फैसला।
ऽ नोटबंदी से आजाद हिन्दुस्तान में पारदर्शिता, व्यवस्था का सुदृढीकरण, अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर नव निर्माण के पथ पर बढ़ता हुआ भारत।
ऽ 8 नवम्बर भारत के इतिहास में, विश्व के आर्थिक इतिहास में, जनता के बीच, सरकारों के मध्य, बहुचर्चित विषय बन चुका है।
ऽ भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रदेश अध्यक्ष, पदाधिकारी, नेता एवं एक-एक कार्यकर्ता भारत के जनमानस द्वारा कालेधन एवं भ्रष्टाचार के खिलाफ सहयोग प्रदान करने के लिए आभार व्यक्त करते है।
ऽ सुप्रीमकोर्ट ने कांग्रेसनीत सरकार को कालेधन के खिलाफ एसआईटी गठन का आदेश दिया था लेकिन कांग्रेस सरकार ने गठन नहीं किया।
ऽ मोदी जी के नेतृत्व में कैबिनेट ने पहला निर्णय कालेधन के खिलाफ एसआईटी गठन का लिया।
ऽ बेनामी प्रापर्टी एक्ट 28 साल पहले बना था लेकिन उसे लागू नही किया गया। मोदी जी के नेतृत्व में बेनामी प्रापर्टी के माध्यम से कालेधन में लिप्त लोगों के विरूद्ध बेनामी प्रापर्टी एक्ट को लागू किया।
ऽ शेल कंपनियों पर हुई सर्जिकल स्ट्राइक 2 लाख 24 हजार कंपनियों पर ताला लगा।
ऽ नोटबंदी से पूर्व हाई वैल्यू कंरेसी सर्कुलेशन 17 लाख 77 हजार करोड़ था। नोटबंदी के बाद 3 लाख 89 हजार करोड़ की हाई वैल्यू कंरेसी प्रचलन में कम हुई। 13
ऽ गत एक वर्ष में संदिग्ध लेनदेन की राशि 1 लाख 60 हजार करोड़ से लेकर 1 लाख 70 करोड़ तक हुई। जांच एंजेसियां अब इन संदिग्ध लेनदेन की पड़ताल कर रही है।
ऽ विगत एक वर्ष में बैंकों द्वारा की गई रिपोर्ट के आधार पर संदिग्ध लेनदेन में बढ़ी बृद्धि हुई। नोटबंदी से पूर्व एक वर्ष में 61361 संदिग्ध लेनदेन हुए थे। जो नोटबंदी के बाद 361214 सदिग्ध लेनदेन की सूची प्राप्त हुई है। अब इन सबपर कार्यवाही होगी।
ऽ देश के फाइनेंशियल इस्टीट्यूशन ने नोटबंदी से पूर्व 40333 संदिग्ध लेनदेन की जानकारी भारत सरकार को दी थी। गत एक वर्ष में 94836 लेनदेन की जानकारी सरकार तक पहॅुची।
ऽ 2015-16 में 66.53 लाख टैक्सपेयर्स थे वही नोट बंदी के बाद 2016-17 में 84.21 लाख टैक्सपेयर्स हो चुके है। टैक्सपेयर्स की संख्या में 26.6 प्रतिशत की अभूतपूर्व वृद्धि।
ऽ स्वेच्छा से टैक्स भरने वालों की संख्या में 34.25 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
ऽ नोटबन्दी की व्यापक और एतिहासिक सफलता
ऽ साफ- सुथरी अर्थ व्यवस्था की ओर एक मजबूत और दूरगामी कदम।
ऽ नोटबन्दी से टैक्सपेयर्स की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि।
ऽ देश के इतिहास में सबसे ज्यादा कालेधन का पर्दाफाश।
ऽ राहुल गांधी पर जब उनकी पार्टी विश्वास नहीं करती तो जनता क्या करेगी।

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