लखनऊ 07 नवम्बर 2017, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा है कि प्राइवेट स्कूलों में फीस की मनमानी को लेकर कानून बनाए जाने का श्री योगी आदित्यनाथ जी की सरकार का फैसला शानदार और ऐतिहासिक है। प्रदेश में पहली बार ऐसा कोई कानून बनने जा रहा है जिसके बाद प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर ना सिर्फ लगाम कसेगी बल्कि फीस उल्लंघन को लेकर बनाए गए नियमों का उल्लंघन करने पर स्कूलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी होगी। इस फैसले का सीधा फायदा अभिभावकों को होगा और हर साल होने वाली अंधाधुंध फीस बढोत्तरी पर भी रोक लगेगी। श्री त्रिपाठी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का मानना है कि शिक्षा पर सबका बराबर अधिकार होना चाहिए और इसी दिशा में शिक्षा माफियाओं पर कानूनी घेराबंदी के इस फैसले के लिए मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी बधाई के पात्र हैं।
प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा है कि प्राइवेट स्कूलों में फीस बढोत्तरी और स्कूलों की मनमानी को लेकर काफी सालों से ये मांग उठ रही थी कि इन स्कूलों की कार्यप्रणाली को लेकर कानून बनाया जाए। पर पिछले चैदह सालों के दौरान सरकारों ने इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया और प्राइवेट स्कूलों की मनमानी बढती चली गई। फीस बढोत्तरी के साथ ही साथ स्कूल यूनीफार्म, स्टेशनरी और कार्यक्रमों के बहाने भी अभिभावकों का शोषण किया जाता था। मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी ने सरकार बनते ही एक कमेटी बनाकर प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर अंकुश लगाने के अभियान की शुरूआत कर दी थी।
प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा कि प्रदेश सरकार ऐसे इंतजाम करने जा रही है कि प्राइवेट स्कूल हर वर्ष पांच फीसदी से ज्यादा की फीस बढोत्तरी नहीं कर पाएंगे। अभी तक ये स्कूल हर साल फीस में पंद्रह से बीस फीसदी तक की बढोत्तरी कर देते हैं। यही नहीं इन स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता भी उस स्तर की नहीं होती है जैसी होनी चाहिए। भाजपा सरकार इस दिशा में भी सख्त नियम बनाने जा रही है ताकी ना तो स्कूल में पढने वाले बच्चों के अभिभावकों का किसी तरह शोषण हो सके ना ही वहां पढाने वाले शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों का। सरकार ये भी पुख्ता करेगी कि प्राइवेट स्कूलों में गरीब परिवारों से आने वाले उन बच्चों की दाखिला भी शत प्रतिशत कराया जा सके जिन्हें इन स्कूलों में आरक्षण मिला हुआ है। इन कानूनों का उल्लंघन करने वाले स्कूलों के खिलाफ सरकार कड़ी कार्रवाई करेगी।