बुन्देलखण्ड में आगामी ग्रीष्मऋतु में पेयजल व्यवस्था को बेहतर बनाने हेतु जल निगम एवं जल संस्थान के अधिशासी अभियन्ताओं को अपने कार्यक्षेत्र के अधीनस्थ स्थापित राजकीय नलकूपों एवं हैण्डपम्पों को चालू होने की स्थिति की जानकारी प्राप्त कर लिखित रूप
से प्रमाण-पत्र उच्च अधिकारियों को प्रस्तुत करना अनिवार्य: मुख्य सचिव
बुन्देलखण्ड में स्थापित 2070 ट्यूबवलों में से वर्तमान में असंचालित 72 ट्यूबवलों
को यथाशीघ्र चालू कराने हेतु सम्बन्धित अभियन्ताओं को लिखित रूप से
अवगत कराकर असंचालित 72 ट्यूबवलों को निर्धारित तिथि तक
प्रत्येक दशा में संचालित कराना अनिवार्य: राजीव कुमार
आगामी जुलाई माह तक पानी की समस्या किसी भी क्षेत्र में कतई न होने देने के
लिये आवश्यक व्यवस्थाएं समय से सुनिश्चित करा ली जायें: मुख्य सचिव
राज्य सूखा अनुश्रवण केन्द्र की स्थापना कराने हेतु आवश्यक
कार्यवाहियां प्राथमिकता से सुनिश्चित कराई जायें: राजीव कुमार
लखनऊ: 03 नवम्बर, 2017
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री राजीव कुमार ने निर्देश दिये हैं कि बुन्देलखण्ड में आगामी ग्रीष्मऋतु में पेयजल व्यवस्था को बेहतर बनाने हेतु जल निगम एवं जल संस्थान के अधिशासी अभियन्ताओं को अपने कार्यक्षेत्र के अधीनस्थ स्थापित ट्यूबवेल एवं हैण्डपम्पों को चालू होने की स्थिति की जानकारी प्राप्त कर लिखित रूप से प्रमाण-पत्र उच्च अधिकारियों को प्रस्तुत करना होगा। उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड में स्थापित 2070 राजकीय नलकूपों में से वर्तमान में असंचालित 72 ट्यूबवलों को यथाशीघ्र चालू कराने हेतु सम्बन्धित अभियन्ताओं को लिखित रूप से अवगत कराना होगा कि असंचालित 72 ट्यूबवेल किस तिथि तक प्रत्येक दशा में संचालित करा दिये जायेंगे। उन्होंने यह भी निर्देश दिये गये कि गांव में पेयजल की उपलब्धता की जानकारी ग्राम प्रधानों एवं किसानों से उनके मोबाइल नम्बर से प्राप्त कर पेयजल की आपूर्ति ग्राम स्तर पर सुनिश्चित कराई जाये। उन्होंने कहा कि आगामी जुलाई माह तक पानी की समस्या किसी भी क्षेत्र में कतई न होने देने के लिये आवश्यक व्यवस्थाएं समय से सुनिश्चित करा ली जायें।
श्री राजीव कुमार ने निर्देश दिये कि राज्य सूखा अनुश्रवण केन्द्र की स्थापना कराने हेतु आवश्यक कार्यवाहियां प्राथमिकता से सुनिश्चित कराई जायें। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि किसानों की उपज का उचित मूल्य दिलाने हेतु उनकी फसल का फसल बीमा योजनान्तर्गत बीमा कराने हेतु अभियान चलाया जाये ताकि संभावित सूखा होने की स्थिति होने पर फसल क्षतिग्रस्त होने पर किसानों को मुआवजा अवश्य प्राप्त हो जाये। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि सरकारी ट्यूबवलों पर यदि कोई मैकेनिकल खराबी हो तो अधिकतम 24 घन्टों के अन्दर खराबी दूर कराकर ट्यूबेलों का संचालन निरन्तर कराया जाये।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में बुन्देलखण्ड में संभावित सूखे के सम्बन्ध में विभागीय कार्य योजना बनाने तथा ग्राम स्तर पर पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित कराने हेतु विभागीय अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि पेयजल के संसाधनों की उचित मरम्मत सुनिश्चित करा ली जाये ताकि आवश्यकतानुसार उनको उपयोग में लाया जा सके। उन्होंने कहा कि पेयजल के कुँओं को आवश्यकतानुसार गहरा कराये जाने के साथ-साथ मनरेगा के माध्यम से खेतिहर मजदूरों एवं अन्य जरूरतमन्द लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराया जाये।
श्री राजीव कुमार ने कहा कि कुपोषण की स्थिति से निपटने के लिये आवश्यक कार्य योजना तैयार कराये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने खराब ट्रान्सफार्मरों को अनिवार्य रूप से 24 घन्टे में बदले जाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि रोस्टर के अनुसार विशेष कर ग्रामीण क्षेत्रों में निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित कराई जाये। उन्होंने कहा कि नगरीय क्षेत्रों में स्थापित हैण्ड पम्पों को को क्रियाशील रखा जाये। उन्होंने कहा कि पानी की टंकियों से घरों तक पेयजल की व्यवस्था की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित कराई जाये।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिये हैं कि खराब नलकूपों को समय से मरम्मत सुनिश्चित कराई जाये। उन्होंने कहा कि पेयजल के कुंओं को आवश्यकतानुसार गहरा कराये जानेे साथ-साथ पशुओं के पेयजल हेतु सिंचाई विभाग की नहरों, नलकूपों एवं निजी नलकूपों के माध्यम से तालाब एवं पोखरों के भरवाने की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाये। उन्होंने कहा कि खेतिहर मजदूरों एवं अन्य जरूरतमन्द लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाये।
श्री राजीव कुमार ने कहा कि ट्रान्सफार्मर खराब होने पर निर्धारित अवधि में बदले जाने की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाये। उन्होंने कहा कि रोस्टर के अनुसार निर्धारित समय में निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित कराई जाये। उन्होंने कहा कि पशुओं के चारे के अभाव की स्थिति से निपटने हेतु कार्य योजना तैयार कराई जाये। उन्होंने कहा पशु चिकित्सालयों में पशुओं के उपचार के संसाधन एवं दवाओं की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाये। उन्होंने कहा कि महामारी के नियन्त्रण हेतु दवाओं का चिन्हांकन करके समुचित स्टाॅक की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाये। उन्होंने आकस्मिकता हेतु आवश्यक खाद्यान्न एवं उपभोक्ता वस्तुओं की व्यवस्था सुनिश्चित कराये जाने के साथ-साथ कुपोषण की स्थिति से निपटने हेतु आवश्यक कार्य योजना बनाये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि मृदा में नमी संरक्षण के उपायों का प्रचार-प्रसार कराये जाने के साथ-साथ वैकल्पिक फसलों के साथ खाद्य एवं बीज के प्रबन्ध की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाये। उन्होंने कहा कि फसलों में रोग बचाव हेतु कीटनाशक दवाओं की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाये।
बैठक में प्रमुख सचिव, सिंचाई श्री सुरेश चन्द्रा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।