लखनऊ,02 नवम्बर। राजकीय वाहन चालक महासंघ के अध्यक्ष रामफेर पाण्डेय के नेतृत्व में वरिष्ठ उपाध्यक्ष जय प्रकाश यादव, उपाध्यक्ष रामविलास यादव, पूर्व अध्यक्ष महासंध प्रमोद कुमार नेगी और पूर्व संयुक्त मंत्री रामनरेश मौर्य ने वेतन समिति अध्यक्ष वृन्दा स्वरूप अध्यक्ष सातवें वेतन समिति के समक्ष प्रदेश के राजकीय वाहन चालकों की वेतन विसंगति को विस्तार से रखा। इस पर वेतन समिति की अध्यक्ष ने उन्हें सकारात्मक संस्तुति प्रेषित करने का भरोसा जताया।
राजकीय वाहन चालक महासंघ के पदाधिकारियों ने अपनी तरफ से रखें तर्क और वेतन विसंगति के बारे में बताया कि प्रदेश के राजकीय वाहन चालकों को लिपिक संर्ग की भति ग्रेड 2000 रूपये दी जाए। उन्होंने समिति को तर्क दिया कि प्रदेश में राजकीय वाहन चालकों को वर्ष 1986 से मार्च 11 तक वेतनमान लिपिकीय संवर्ग के समान्तर था। वेतन समिति के समक्ष महासंघ की तरफ से लिपिक संवर्ग की तरह प्रत्येक पाॅच वर्ष में शतप्रतिशत के आधार पर दी जाए। उन्होंने तर्क दिया कि यह व्यवस्था प्रदेश से विभाजित हुए उत्तराखण्ड में आज भी लागू है। महासंघ की तरफ से मानदेय के साथ महंगाई भत्ता दिया जाए यह व्यवस्था भी उत्तराखण्ड सरकार में लागू है। इसके अलावा राजकीय वाहन चालको को वर्दी और धुलाई सहित अन्य भत्ते केन्द्र सरकार की तरह उपलब्ध कराई जाए।