उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने बंगलुरु में श्री श्री रविशंकर से जन्म भूमि विवाद को आपसी सुलह से हल निकालने के लिए उनके आश्रम मुलाकात की। दोनों ने बैठकर सुलह प्रयासों के विविध विंदुओं पर चर्चा की और आगे बढ़ने के लिए सहमत हुए। गौरतलब है कि यह मामला सुप्रीमकोर्ट में विचाराधीन है , कोर्ट ने भी मामले में कह रखा है कि बाहर इस मामले को सुलझाया जा सकता है। इस मामले में यदि पक्षकार उचित समझे तो वरिष्ठ न्यायमूर्ति भी सुलह का रास्ता निकालने में मदद कर सकते हैं।
वसीम रिजवी ने बताया कि मैंने रविशंकर को शिया वक्फ बोर्ड की अपनी राय से अवगत कराया। यह कि जन्म भूमि पर ही मंदिर बनना चाहिए। वसीम ने कहा कि श्री श्री रविशंकर को बताया कि मैं इस सिलसिले में न्यायालय में लड़ाई लड़ रहे सभी महंतों से मिल चुका हूं सभी श्रीराम मन्दिर निर्माण के लिए बातचीत करने के लिए तैयार है। जन्मभूमि के मामले में समझौते की बात में विवादित जगह पर मस्जिद बनाने या उसके आसपास मस्जिद बनाने की शर्त रखने वाले विवाद को बनाये रखने की साज़िश कर रहे है। ऐसे लोग धार्मिक फसाद करना चाहते है।
ध्वस्त की गई बाबरी शिया समुदाय की वक्फ थी। इस मामले से मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से कोई मतलब नहीं है सिर्फ शिया वक्फ बोर्ड को इस मामले निर्णय लेने का अधिकार है। वसीम रिजवी ने श्री श्री रविशंकरको अपना मकसद साफ बताते हुए कहा कि शिया वक्फ बोर्ड श्रीराम के नाम पर झगड़ा नही समझौता चाहता। वसीम रिजवी ने श्री श्री रविशंकर के इस मामले में समझौते के प्रयासों की सराहना की और कहा कि रविशंकर जैसे महान व्यक्ति अगर इस मामले में आगे आएंगे तो भाईचारे को बल मिलेगा और कुछ उन कट्टरपंथियों के देश में खून खराबा कराने के मंसूबे फेल हो सकेंगे।