उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गन्ने के समर्थन मूल्य में मात्र 10 रूपये की बढ़ोत्तरी पर उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने असन्तोष जाहिर करते हुए इस अत्यल्प मूल्य वृद्धि को अपर्याप्त बताते हुए समर्थन मूल्य को फसल की बढ़ी हुई लागत के अनुसार निर्धारित करने की मांग की है।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के थिंक टैंक कमेटी के सदस्य रामेन्द्र जनवार ने आज जारी बयान में कहा कि गन्ना समर्थन मूल्य में इस अत्यल्प बढ़ोत्तरी की घोषणा होते ही प्रदेश की पूरी गन्ना पट्टी के किसानों ने सांकेतिक रूप से गन्ने की होली जलाकर सरकार की घोषणा के खिलाफ अपना प्रतिरोध प्रदर्शित करना शुरू कर दिया है। उन्होने कहा कि किसानों के कई संगठन अलग-अलग जिलों में गन्ने की होली जलाकर अपना विरोध दर्ज करवा रहे हैं।
श्री जनवार ने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मेरठ, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बिजनौर के अतिरिक्त रूहेलखण्ड, अवध क्षेत्र और पूर्वी उत्तर प्रदेश के गन्ना पट्टी में किसान जी-तोड़ मेहनत कर उगाये गये गन्ने की होली जलाकर समर्थन मूल्य में 10 रूपये की बढ़ोत्तरी का विरोध कर रहे हैं। उन्होने कहा कि सत्ता में आने के पहले मौजूदा सत्तारूढ़ पार्टी की ओर से भी गन्ना समर्थन मूल्य 450 रूपये प्रति कुन्तल से ज्यादा करने की मांग की जा रही थी लेकिन खुद को किसानों की पार्टी कहने वाली पार्टी सत्ता में आते ही अपनी मांग भी भूल गई और लागत मूल्य में लगातार हो रही बढ़ोत्तरी को नजरअंदाज करते हुए समर्थन मूल्य में मात्र 10 रूपये की बढ़ोत्तरी की है।
श्री जनवार ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा चुनाव से पूर्व अपनी जनसभाओं में केन्द्रीय सरकार के मुखिया एवं पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष किसानों की उपज का दुगुना लाभकारी मूल्य देने की घोषणा करते रहे हैं और सभी चुनावी सभाओं एवं अपने संकल्प पत्र में किसानों को उनकी उपज का दोगुना से अधिक लाभकारी मूल्य देने का वादा किया था किन्तु दोगुना करना तो दूर रहा गन्ने के समर्थन मूल्य में तीन प्रतिशत ही समर्थन मूल्य बढ़ाया है जिससे किसान खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं।
कांग्रेस पार्टी सदैव किसानों के हितों के लिए संघर्ष करती रही है। केन्द्र और प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा किसानों के किये जा रहे उत्पीड़न को बर्दाश्त नहीं करेगी और गन्ना मूल्य सहित गेहूं, धान, दलहन और तिलहन की फसलों का समुचित लाभकारी मूल्य यदि केन्द्र की सहमति प्रदेश सरकार द्वारा निर्धारित नहीं किया गया तो कांग्रेस पार्टी किसानों के हितों केा लेकर जिलों में बड़ा आन्दोलन खड़ा करेगी।
श्री जनवार ने कहा कि कांग्रेस पार्टी चुनाव के पहले से ही कृषि उपज की लागत में हो रही वृद्धि के अनुसार समर्थन मूल्य बढ़ाने की मांग करती रही हैं लेकिन मौजूदा सरकार ने कांग्रेस की मांग पर ध्यान नहीं दिया। उन्होने कहा कि डीजल से लेकर खाद, दवा, मजदूरी, कटाई, ढुलाई आदि के मूल्य में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है उसके मुकाबले गन्ना उपज के समर्थन मूल्य में मात्र 10 रूपये की बढ़ोत्तरी पूरी तरह अपर्याप्त और गन्ना किसानों की पीठ में छुरा भोंकने जैसा निर्णय है और कांग्रेस पार्टी इस किंचित मूल्य वृद्धि के खिलाफ गन्ना किसानों के आन्दोलन में पूरी तरह उनके साथ खड़ी है। दलहनी एवं तिलहनी फसलों की मूल्य वृद्धि को लेकर भी किसानों में असन्तोष व्याप्त है।