- सैकड़ों की संख्या में उगते सूर्य को मनकामेश्वर घाट पर महिलाओं ने दिया अर्घ्य
- छठ पूजन के बाद चला घाटों पर स्वच्छता अभियान
मनकामेश्वर घाट उपवन में महंत देव्यागिरि ने जिस तरह आदिगंगा गोमती महा आरती अभियान से विभिन्न धर्मों के अनुयायियों को जोड़ा है उसी तरह अब मनकामेश्वर की ओर से आयोजित महा पर्व छठ पूजन समारोह भी लखनवी गंगा जमुनी संस्कृति की मिसाल बन गया है। शुक्रवार को हरदोई से आयी रोशनी सज्जाद ने उगते सूर्य को अर्घ्य देकर छठ मइया का व्रत पूजन परंपरा के अनुसार किया। रोशनी अपनी बेटी और पति सज्जाद के साथ हरदोई से आई हैँ। उन्होंने बताया कि उनकी मां की तबियत बहुत खराब चल रही है। उन्होंने 36 घंटे का निर्जला व्रत रखकर डूबते सूर्य और उगते सूर्य को अर्घ्य देकर छठ मइया से अपनी मां के जल्द स्वस्थ होने की दुआ मांगी।
महंत देव्यागिरि ने कहा कि गोमती आरती और छठ पूजन को किसी धर्म विशेष से नहीं जोड़ना चाहिए। यह तो प्रकृति के प्रति मानवों का धन्यवाद देने की विधि मात्र है। गोमती का पानी और सूरज की कृपा तो सभी जीवों पर समान रूप से बरसती है। उन्होंने कहा कि समाज को स्नेह की डोर में बांधने का महती कार्य यह महा पर्व करते हैं। लोगों को भी चाहिए कि धार्मिक संकीर्णता और पूर्वाग्रहों को त्याग कर विकसित समाज का सृजन करे। धर्मगुरुओं की वाणी में भी यही तत्व निहित है। छठ पूजन के बाद श्रीमहंत देव्यागिरि की अगुआई में मनकामेश्वर घाट पर स्वच्छता अभियान चलाया गया। स्वच्छता अभियान की ब्रांड एम्बेसेडर श्रीमहंत देव्यागिरि ने मनकामेश्वर घाट पर आए लोगों को स्वच्छता अभियान सम्बंधी पर्चे बांट कर जागरुक भी किया।