छः महीने में 2 लाख से अधिक षिकायतों का हुआ निस्तारण
लखनऊ: दिनांक- 26 अक्टूबर, 2017
प्रदेश के ऊर्जा मंत्री पं0 श्रीकांत शर्मा के निर्देश पर प्रमुख सचिव ऊर्जा एवं उ0प्र0 पावर कारपोरेषन के अध्यक्ष श्री आलोक कुमार ने उपभोक्ताओं की विद्युत सम्बन्धी समस्याओं के समाधान के लिये चल रहे काल सेन्टर ‘1912’ को और चुस्त दुरूस्त करने के लिये निर्देष दिये है। प्रदेष के समस्त डिस्कामों के प्रबन्ध निदेषकों से वीडियों कांफ्रेन्सिंग के दौरान उन्होंने कहा कि मुख्य मंत्री जी विद्युत उपभोक्ताओं की समस्याओं को कम से कम समय में निस्तारित करनें हेतु लगातार निर्देषित कर रहें है। उन्होंने निर्देश दिए हंै कि टोल फ्री नम्बर पर प्राप्त होने वाली षिकायतों का समयबद्ध निस्तारण हो तथा इस सम्बंध में उपभोक्ताओं को कृत कार्यवाही से अवगत भी कराया जाये। उन्हें जानकारी प्राप्त हुयी है कि 1912 पर की गयी षिकायतों के सन्दर्भ में उपभोक्ता के पास काल बैक नहीं जाता है। जिससे उसकी षिकायत पर की गयी कार्यवाही का उसे पता नहीं चलता। उन्होंने कहा कि काल सेन्टर को स्पश्ट निर्देष हैं कि उपभोक्ताओं की षिकायतों या समास्याओं पर उन्हें कृत कार्यवाही से अवगत कराया जाये।
श्री आलोक कुमार ने निर्देष दिया है कि प्रत्येक डिस्काम के प्रबन्ध निदेषक हफ्ते में एक दिन काल सेन्टर का दौरा करें और वहाॅ जाकर पाॅच मामलों की तहकीकात भी करें। इससे उन्हें काल सेन्टर कैसे चल रहें हैं इसकी जानकारी हो जायेगी। उन्होंने यह भी निर्देषित किया कि 1912 का व्यापक प्रचार प्रसार कराया ण्जाये। ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत भवनों आदि सार्वजनिक स्थानों पर इसको लिखवा दें तथा विभागीय फोन नम्बरों पर भी इसका कालर ट्यून बजवाये। उन्होंने कहा कि 1912 पर आने वाली सूचनाओं का षत प्रतिषत समय से निस्तारण सुनिष्चित होना चाहिए।
आलोक कुमार ने उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे विद्युत सम्बन्धी षिकायतों एवं समस्याओं को इस टोल फ्री नम्बर 1912 पर अवश्य दर्ज करायें। उन्होंने बताया कि विगत 14 अप्रैल से लेकर 23 अक्टूबर के बीच 1912 के माध्यम से उपभोक्ताओं की 2 लाख 4 हजार 708 सूचनायें प्राप्त हुयी है। जिसमें केवल 2706 षिकायतों को छोड़कर सबका निस्तारण कर दिया गया। इस काल सेन्टर के माध्यम से उपभोक्ता त्रुटिपूर्ण बिल, मीटर खराबी, न्यू कनेक्षन, विद्युत आपूर्ति, विद्युत चोरी तथा क्षतिग्रस्त ट्रांसफार्मर के सम्बन्ध में सूचनाये दे सकता है। सूचना देने वाले का नाम गोपनीय रखा जाता है और कार्यवाही भी सुनिष्चित होती है।