मेले मे पशुओ से सम्बंधित सभी समस्याओं का त्वरित समाधन होगा
पशु उत्पादकता में वृद्धि से किसानों और पशुपालकों की आय मंे भी वृद्धि होगी
लखनऊ: दिनांक- 26 अक्टूबर, 2017
राज्य सरकार द्वारा किसानों और पशुपालकों की आय बढ़ानेें और पशुओं की उत्पादक क्षमता में वृद्धि के उद्देश्य से प्रत्येक वित्तीय वर्ष में पशुपालन विभाग के माध्यम से प्रदेश के विभिन्न जनपदों में न्याय पंचायत स्तर पर पं0 दीनदयाल उपाध्याय पशु आरोग्य मेलांे का आयोजन कराये जाने का निर्णय लिया गया है। प्रत्येक वर्ष आयोजित होने वाला यह मेला माह अक्टूबर से मार्च तक प्रातः 8ः00 बजे से सायं 5ः00 बजे तक तथा अप्रैल से अक्टूबर तक प्रातः 7ः00 बजे से 4ः00 बजे तक आयोजित किया जाएगा। इस मेले में पशुओं का निःशुल्क उपचार होगा।
प्रमुख सचिव, पशुधन एवं मत्स्य डा0 सुधीर एम0 बोबड़े ने यह जानकारी देते हुए बताया कि राज्य में कम उत्पादक गोवंशीय प्रजाति की संख्या और दूध की बढ़ती मांग के कारण पशु प्रजनन सुविधाओं में विस्तार के साथ ही कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम को और अधिक उन्नत, वैज्ञानिक और प्रभावी ढंग से लागू करते हुए सभी सुविधाएं किसानों/पशुपालकों के द्वार पर उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि आयोजित शिविर में पशु चिकित्सा, पशु प्रजनन, बधियाकरण, टीकाकरण, कृमिनाशक दवापान, छोटे आपरेशन के साथ बांझपन से ग्रसित दुधारु पशुओं की निःशुल्क चिकित्सा की जाएगी।
उन्होंने पशु आरोग्य मेलों की समय सारणी के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस वित्तीय वर्ष माह अक्टूबर-नवम्बर में 450 शिविर, माह दिसम्बर में 300, माह जनवरी में 375, माह फरवरी में 300 तथा माह मार्च में 300 इस प्रकार कुल 1725 शिविरों का आयोजन प्रत्येक सप्ताह में प्रत्येक जनपद की एक न्याय पंचायत में किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस मेले के द्वारा किसानों एवं पशुपालकों को पशुओं के सन्तुलित आहार, वर्ष भर हरे चारे का उत्पादन, समय से पशुओं के टीकाकरण, स्वच्छ दुग्ध उत्पादन और स्वच्छ पशु प्रबंधन की जानकारी दी जाएगी, जिससे पशुओं की उत्पादकता में वृद्धि के साथ-साथ किसानों/पशुपालकों की आय में भी वृद्धि हो। मेले में आये पशुपालकों के पशुओं के पंजीकरण के साथ ही इच्छुक पशुपालकों के पशुओं को पशुधन बीमा लाभ से लाभांवित किया जाएगा। इसके साथ ही वृहद पशु आरोग्य मेले में विशेष रुप से स्वास्थ्य लाभ के उद्देश्य से बकरी के दूध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए पशुपालकों को अवगत कराया जाएगा।
प्रमुख सचिव ने कहा कि उत्तर प्रदेश पशुधन के दृष्टिकोण से देश का सबसे बड़ा प्रदेश है और प्रदेश के 70 प्रतिशत लघु, सीमान्त एवं भूमिहीन कृषकों द्वारा पशुपालन कार्य किया जाता है। वर्तमान में दुग्ध उत्पादन में 10 प्रतिशत की वृद्धि के लिए आवश्यक है कि पशु प्रजनन आच्छादन को बढ़ाया जाए। इसके लिए सरकार का प्रयास है कि इस मेले के माध्यम से किसानों और पशुपालकों को उन्नत पशुपालन हेतु जागरुक किया जाए और उनके हित में चल रही सभी छोटी-बड़ी योजनाओं से उन्हें अवगत कराया जाए।
उन्होंने कहा कि पशु आरोग्य मेले के आयोजन हेतु सम्बंधित जनपद के जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जनपद स्तरीय कार्य क्रियान्वयन एवं समन्वय समिति का गठन प्रस्तावित किया गया है। उक्त समिति मेले के आयोजन एवं प्रबंधन हेतु उत्तरदायी होगी। आयोजन समिति द्वारा प्रभारी मंत्री/पशुधन मंत्री/पशुधन राज्यमंत्री, संसद सदस्य, विधान सभा सदस्य/विधान परिषद सदस्य, जिला पंचायत अध्यक्ष, प्रमुख क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत सदस्य, सदस्य क्षेत्र पंचायत, ग्राम प्रधान एवं अन्य गणमान्य व्यक्तियों/जनप्रतिनिधियों, प्रगतिशील पशुपालकों के साथ-साथ प्रमुख सचिव/सचिव (जनपद प्रभारी ) को नेतृत्व हेतु आमंत्रित किया जाएगा।
प्रमुख सचिव ने कहा कि मेले से पूर्व समस्त आवश्यक औषधियों, उपकरणों व अन्य सामग्रियों की ससमय व्यवस्था की जाएगी और मेले में आने वाले कृषकों/पशुपालकों एवं उनके पशुओं का पंजीकरण मुख्यालय द्वारा उपलब्ध कराये गए प्रारुप में तथा पशु हेल्थ कार्ड में किया जाएगा। मेले में ग्रामीण स्वच्छता मिशन काय्रक्रम के अन्तर्गत स्थाई ग्रामीण टायलेट की व्यवस्था की जाएगी और प्रदेश की भौगोलिक तथा जोनवार स्थिति के अनुसार पशुपालन साहित्य का बुकलेट हिन्दी में तथा सरल भाषा में तैयार कर किसानों एवं पशुपालकों में वितरित किया जाएगा। मेले के प्रभावी अनुश्रवण हेतु पशुपालन निदेशालय मे स्थापित कंट्रोल रुम नं0 0522-2740010 तथा टोल फ्री नं0 1800-180-5141 है। उन्होंने कहा कि मेले के आयोजन के सम्बंध में समस्त मण्डलायुक्तों एवं समस्त जिलाधिकारियों को आवश्यक निर्देश जारी कर दिए गए हैं।