लखनऊ, 25 अक्टूबर श्री रजनीकांत मिश्र (भा.पु.से. उत्तर प्रदेश 1984) महानिदेशक एसएसबी, अक्टूबर 23 से अपने चार दिवसीय लखनऊ दौरे पर हैं | आज पूर्वाहन में एसएसबी महानिदेशक ने उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री श्री आदित्यनाथ योगी से शिष्टाचार भेंट की | इस अवसर पर महानिदेशक एसएसबी ने माननीय मुख्यमंत्री से गिरिजापुरी की जमीन एसएसबी की बहराइच -2 वाहिनी मुख्यालय की स्थापना हेतु स्थान्तरित करने के लिए अनुरोध किया | इसके उपरांत महानिदेशक एसएसबी ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव से भी शिष्टाचार भेंट की और शासन में लंबित वाहिनी मुख्यालयों एवं सीमा चौकियों के लंबित पड़े भूमि हस्तांतरण प्रस्तावों को शीघ्रातिशीघ्र निस्तारित करने हेतु आग्रह किया | साथ ही महानिदेशक ने लखनऊ आगमन पर उत्तर प्रदेश के राज्यपाल और पुलिस महानिदेशक से भी शिष्टाचार भेंट की |
एसएसबी की 58वी वाहिनी पूर्व में गिरिजापुरी के वन विभाग की जमीन पर तैनात थी, जोकि सिचाई विभाग को लीज़ पर दी गयी है किन्तु एसएसबी की इस वाहिनी को NDRF को स्थान्तरित कर दिया गया था | जिसकी प्रतिपूर्ति में गृह मंत्रालय द्वारा सीमान्त लखनऊ को 70वी वाहिनी के रूप में बहराइच-2 के नाम से अब नयी वाहिनी की स्वीकृति मिली है, जिसकी स्थापना हेतु राज्य सरकार से जमीन के लिए आग्रह किया गया है |
मध्याहन को महानिदेशक महोदय को सीमान्त लखनऊ के महानिरीक्षक श्री अलोक शर्मा, आईपीएस द्वारा पॉवर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से भारत-नेपाल सीमा पर स्थित एसएसबी की कार्य प्रणाली के बारे में जानकारी दी गयी और प्रचालन एवं आसूचना गतिविधियों के साथ-साथ एसएसबी में सीमा पर चल रहे निर्माण कार्यों से भी अवगत कराया |
महानिदेशक महोदय द्वारा इस अवसर पर सीमान्त लखनऊ के चार कर्मियों को आंतरिक सुरक्षा में उनके योगदान, कार्य कुशलता एवं कर्तव्यपरायणता हेतु इस सीमान्त के डा० वी. जे. वर्मा, प्रचार अधिकारी, श्री एस.के. पाल, उप क्षेत्र संगठक, श्री अमित कुमार श्रीवास्तव, उप निरीक्षक (लिपिक) एवं श्री आत्मा प्रकाश दीक्षित, वरिष्ठ क्षेत्र संगठक को गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रद्दत पुलिस आंतरिक सुरक्षा सेवा पदक से सम्मानित किया गया |
महानिदेशक ने अपने दौरे के दौरान उत्तर प्रदेश के साथ मिली भारत-नेपाल की अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर एसएसबी क्षेत्रक मुख्यालय, लखीमपुर खीरी का दौरा किया और सीमावर्ती इलाके की सुरक्षा स्थिति का जायजा लिया | सीमा पर सुरक्षा तैयारियों के आकलन के पश्चात् प्रचालन एवं आसूचना गतिविधियों की समीक्षा की एवं तदोपरांत सीमा पर जवानों एवं अधिकारियों के साथ बातचीत कर उनकी कार्य प्रणाली एवं कुशलता के बारे में जानकारी ली ||