सुलतानपुर - सर्वजन हिताय- सवर्जन सुखाय, का नारा देने वाली मुख्यमत्री मायावती सरकार की हकीकत क्या है पुलिस इतनी निरंकुश क्यो है, आखिर क्यों होता है अत्याचार, इस सरकार में आम आदमी ही क्यों पिसता है इस सवाल का जबाब जानना चाहते है उ0प्र0 के सुलतानपुर जिले के बल्दीराय थानाक्षेत्र के निवासी शिवप्रसाद तिवारी-इनका दु:ख क्या है आप जानिये-
सुलतानपुर के बल्दीराय थाने की पुलिस ने पीड़ित को मुल्जिम और मुल्जिम को पीड़ित बनाकर अपनी निरंकुशता साबित की है। बल्दीराय थाना क्षेत्र के शिवप्रसाद तिवारी जो गुड़गॉंव में रहकर टेली कम्यूनिकेशन कंसलटेंटस इण्डिया लिमिटेड में सुपरवाइजर के पद पर नौकरी कर रहे ने अपने गॉंव में रामसेवक सुत रामखेलावन, कृश्णमुरारी व लाल किशन सुतगण माताबदल से मकान का बैनामा सन 2002 व सन् 1999 में लिया था। जब शिवप्रसाद तिवारी अपने पूरे परिवार के साथ अपनी प्राइवेट कार से दिल्ली जा रहे थे तभी शिवप्रसाद को फोन पर सूचना मिली की पुरानी रंजिश को लेकर उनके पट्टीदार रामकिशोर, उमाशंकर, शिवकुमार, रोहित, मोहित, संजय व श्रीप्रकाश ने थानाध्यक्ष बल्दीराय रामनाथ सरोज को हमवार करके उनकी खरीदें गये मकान को जलाकर राख कर दिया। मकान में रखा हुआ घर गृहस्थी का सारा सामान जल गया, जिससे उनका करीब 50 हजार रूपये का नुकसान हुआ। पुलिस ने इतनी जास्ती कि की जो लोग आग देखकर उसे बुझाने दौड़े उन्हें भी रोक दिया गया। घटना की सूचना देने शिवप्रसाद के भाई की बीबी प्रेमवती थाने पर सूचना देने गई लेकिन थाने पर उसकी कोई सुनवाई नही हुयी। दिल्ली से लौटने के बाद शिवप्रसाद घटना की शिकायत करने पुलिस अधीक्षक के पास गये तो उन्हे पता चला कि जिस घटना की एफ0आई0आर0 लिखवाने आये है उस घटना का एक एफ0आई0आर0 पहले ही मुकदमा संख्या-122/10 धारा 436, 504, 506, 323 में उनके विरूद्व बल्दीराय थाने में हो चुकी है।
उन्होनें पुलिस के उच्चाधिकारियों को अपनी बेगुनाही का सबूत दिखाते हुए बताया कि घटना के समय वे अपने घर पर मौजूद नही थे। शिवप्रसाद का कहना है कि वे जिस दिन घटना हुई उसके एक दिन पहले उनके बेटे का गौना था, गौना आने के बाद शिवप्रसाद दोपहर के 12.00 बजे अपनी वैगनार गाड़ी संख्या-एस0आर0-26ए0क्यू0-6010 से दिल्ली के लिये गये थे। रास्ते में उन्होनें कई जगह ए0टी0एम0 से पैसे भी निकाले है जिस बात का पुख्ता सुबूत उनके पास है। उन्होनें ये भी बताया कि 14 जनवरी 2010 को न्यायालय में धारा-156/3 के तहत थानाध्यक्ष बल्दीराय व अपने पट्टीदारों के खिलाफ प्रार्थना पत्र दिया था। जिससे नाराज होकर स्थानीय पुलिस मेरे पट्टीदारों से मिलकर मुझे झूठे केस में फंसा रही है। जिस मकान को जलाया गया है वो भी मकान मेरा है। बल्दीराय थाने के पुलिस मेरे ही मकान को जलवाकर मुझे ही अपराधी बनाने में जुटी है। पीड़ित शिवप्रसाद ने मानवाधिकार आयोग से लेकर, राहुल गॉंधी तक के पास प्रार्थना पत्र देकर न्याय की गुहार की है। लेकिन अभी तक उसे न्याय नही मिल पाया है। बल्दीराय पुलिस के कारनामें ने पीड़ित को ही मुल्जिम बना दिया है, यह है मायाराज की मित्र पुलिस।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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