लखनऊ 04 अक्टूबर 2017, भारतीय जनता पार्टी प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने राहुल गांधी के अमेठी में दिए गए बयान को रटा रटाया बताया। श्री त्रिपाठी ने कहा कि राहुल गाधी अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में 8 महीनों की लम्बी अवधि के बाद गए थे। अमेठी की जनता उनसे स्थानीय मुद्दों और समस्याओं पर समाधान चाह रही थी लेकिन राहुल गांधी ने नोटबंदी और जीएसटी पर रटा -रटाया घिसा- पिटा राग ही गाया।
श्री त्रिपाठी ने कहा कि जिस समय नोटबंदी हुई थी। उस समय राहुल गांधी एटीएम की लाइन में लगे थे और चार हजार रूपये निकाले थे। उसके बाद से आज तक राहुल गांधी किसी भी एटीएम पर नजर नहीं आये , 11 माह तक राहुल जी का खर्चा क्या उन चार हजार रूपयों मंे ही होता रहा है?
श्री त्रिपाठी ने कहा कि भाजपा ने अमेठी, रायबरेली में जिस तरह से सक्रियता बढाई है उससे राहुल गांधी घबरा गए है। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मा0 अमित भाई शाह जी के अमेठी जाने की चर्चा से राहुल गांधी जी का तनाव और बढ गया है। स्मृति ईरानी जी अमेठी में लगातार सक्रिय है और विकास की योजनाओं को लेकर समर्पित दिख रही है। जिसके कारण अमेठी की जनता बडे़ पैमाने पर भाजपा के साथ जुड रही है। भाजपा की बढ़ती लोकप्रियता से घबराये राहुल गांधी जी अनर्गल प्रलाप कर रहे है। राहुल गांधी की पार्टी के शासन काल में किसानों ने सर्वाधिक आत्महत्याएं की है। भाजपा सरकार किसान फसल बीमा योजना, नीम कोटेड यूरिया, प्रधानमंत्री सिंचाई योजना, स्वाईल हेल्थ कार्ड, ऋणमोचन, गेंहूॅ और धान की खरीद, गन्ना मूल्य भुगतान कर किसानों की आय दुगुनी करने का संकल्प पर आगे बढ रही है। किसानों के लिए भाजपा की सरकारों ने अल्पकाल में जितना किया है उसका आधा भी कांग्रेस अपने लम्बे शासन काल में नहीं कर पाई। राहुल गांधी जी की किसानों के प्रति चिन्ता आर्टिफिशियल है। क्योंकि ‘‘जाके पांव न फटी बिवाई वो क्या जाने पीर पराई‘‘। राहुल गांधी खेती-किसानी से पूरी तरह अनभिज्ञ हैं और किसानों पर रटा- रटाया भाषण देते है।