भैय्या जी एक सच्चे समाजसेवी तथा लखनऊ भूषण थे - राज्यपाल
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लखनऊः 29 सितम्बर, 2017
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक ने वरिष्ठ समाजसेवी श्री राजेन्द्र नाथ श्रीवास्तव ‘भैय्या जी’ के निधन पर उनके नरही स्थित आवास जाकर शोक व्यक्त किया। राज्यपाल ने ईश्वर से उनके परिजनों को इस दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की। राज्यपाल श्री राम नाईक के साथ उप मुख्यमंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा, मंत्री श्री बृजेश पाठक, मंत्री श्री आशुतोष टंडन, राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती स्वाती सिंह तथा अन्य वरिष्ठ एवं गणमान्य नागरिक भी उपस्थित थे।
राज्यपाल ने भैय्या जी को याद करते हुए कहा कि वह सरल स्वभाव एवं सादगी वाले व्यक्ति थे। उनका लगाव साहित्यिक और सांस्कृतिक गतिविधियों में रहता था। जब लखनऊ नगर पालिका बनी तो सबसे पहले सभासद भैय्या जी ही बने थे। उनकी खासियत थी कि वह बिना बुलाये ही शहर के विभिन्न आयोजनों में पहुँच जाते थे, चाहे घर में खुशी का माहौल हो या गम का सभी जगह वह उपस्थित रहते थे। उन्होंने कहा कि भैय्या जी एक सच्चे समाजसेवी तथा लखनऊ के भूषण थे। उनके निधन से लखनऊ ने अपना भूषण खो दिया।
श्री नाईक ने कहा कि पिछले दिनों जब भैय्या जी सिविल अस्पताल में भर्ती हुए थे तो वे उन्हें देखने गये थे। वह बहुत कमजोर हो गये थे। राज्यपाल ने कहा कि महापुरूषों की जयंती या पुण्यतिथि का अवसर होता था, भैय्या जी सदैव उपस्थित रहते थे। महात्मा गांधी, लोकमान्य तिलक, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस आदि की जयंती एवं समारोह में वे हमेशा शामिल होते थे। राज्यपाल ने बताया कि ‘पिछले साल 1 अगस्त 2016 को लोकमान्य तिलक जी की पुण्य तिथि पर आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम में भैय्या जी आये थे। शरीर कमजोर होने के कारण मैंने उन्हें सहारा देकर तिलक जी की प्रतिमा पर पुष्पमाला चढ़ाने में सहयोग किया था।’
राज्यपाल ने कहा कि भैय्या जी प्रत्येक साल संस्था रंगभारती द्वारा आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित रहते थे। उन्होंने बताया कि समाजसेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यों के लिए संस्था रंगभारती द्वारा उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस समारोह में भैय्या जी को सम्मानित किया गया था तथा संस्था ने भैय्या जी को पद्मश्री देने की भी मांग की थी। उन्होंने कहा कि भैय्या जी की कमी हम सभी लोगों को हमेशा महसूस होगी।