लखनऊ 24 सितम्बर 2017, आज प्रधानमंत्री जी ने मन की बात कार्यक्रम में मन की बात के 3 वर्ष पूरे हुए यह 36वे एपीसोड है। उन्होंने कहा कि करोडों लोंगो ने अपने मन की बात हमंे भेजी है। जन के मन की बात भारत की सबसे बडी सकारात्मक शक्ति है। प्रधानमंत्री जी ने कहा कि लोग अपनी अनेक इच्छाए-अपेक्षाए शिकायतें हमें भेजतें है। यह देशवासियों के मन की बात है। देश के हर कोने से आने वाले सुझाव हमें प्रेरित करनी वाली है। मन की बात की यात्रा मन देश वासियों के मन की बात को जानने का प्रयास है इससे नई चेतना और नई उर्जा मिलती है। उन्होने भोजन बर्बाद न करने की अपील के बाद आए सैकेड़ों पत्र ेमसपि ूपजी कंनहीजमत में हरियाणा किसान द्वारा भेजी गई सेल्फी, स्वच्छता अभियान के लिए महाराष्ट्र के एक अध्यापक जो 16 हजार पंेशन पाते है वे पांच हजार-पांच हजार के 51 चेक स्वच्छता अभियान को समर्पित किया । 75 हजार से अधिक लोग चार ही दिन में स्वच्छता अभियान के साथ जुडे चाहे व बच्चे किसान, मजदूर, अफसर सिनेमा जगत के लोग, कलाकार हो सभी न अभियान को आगे बढाने का कार्य किया । उन्होंने कहा कि स्वच्छता को स्वभाव बनाने के लिए एक बैचारिक अन्दोलन की अवश्यकता है और हमें प्रसन्नता है कि हजारों बच्चों ने स्वच्छता प्रतियोगिता में भाग लिया, यह स्वच्छ भारत के लिए शुभ संकेत है।
प्रधानमंत्री जी ने मन की बात में खादी स्वच्छता, पर्यटन, तथा महापुरूषों के स्मरण से दिशा मिलने जैसे बिन्दुओं पर मन को स्पर्श करने वाली बाते कही। उन्होने खादी के उपयोग को लेकर आमजन से लेकर कार्पोरट तक खादी के उपयोग की बढती प्रवृत्ति को उत्साह वर्धक बताते हुए कहा कि इससे लाखों लोगों को रोजगार प्राप्त होता है उन्होने वाराणसी के शिवपुर तथा कश्मीर के पम्पोर में 15-22 वर्षो से बन्द बडे खादी संस्थान को पुनः प्रारम्भ किए जान को भी सराहा। 2 अक्टूबर को महात्मागांधी जयन्ती तक स्वच्छता अभियान को लेकर आदरणीय राष्ट्रपति जी को आभार व्यक्त किया। जिन्होने कानपुर में अपने गांव से इस अभियान को प्रारम्भ किया तथा देश के युवा, बच्चों, बुजुर्गो, महिलाओं सभी के प्रति आभार व्यक्त किया। स्वच्छ भारत श्रेण्ठ भारत के र्निमाण के लिए सभी के प्रयत्न को सराहा तथा कहा कि स्वच्छता के लिए लिया गया संकल्प सिद्धि की तरफ तेजी से अग्रसर है। स्वच्छ भारत के र्निमाण के लिए वैचारिक क्रान्ति की आवश्यकता बताई तथा हजारों बच्चों द्वारा स्वच्छता के लेकर प्रतिस्पर्धा में भाग लेने जिसमें अनेक पेंन्टिग तथा चित्र बनाए प्रेरित करने वाली है।
उन्होने कहा कि विविधता में एकता भारत की विशेषता यह महज नारा नही है। उन्होने कहा कि महात्मागांधी, स्वामी विवेकानन्द, लोकमान्य तिलक, एपीजे अब्दुल कलाम, जैसे अनेक महापुरूषों ने भारत को व्यापक भ्रमण किया। देश के पर्यटन स्थल एक बड़ी पाठशाला है। भारत की विविधता को जानने समझने व सीखनें के लिए देश के विभिन्न भागों में भ्रमण कर हम बहुत कुछ सीख सकते सकते है। उन्होने कहा कि अक्टूबर से मार्च तक लोगों के लिए घूमने का अवसर होता है। हम प्रायः विदेशो के चकाचैध से प्रभावित होकर बाहर के देशों में भ्रमण के लिए जाते है लेकिन यदि आप अपने देश के पयर्टन स्थलों का भ्रमण करेगे तो बहुत कुछ जानने और समाज के सीखने का अवसर प्राप्त होगा।
प्रधानमंत्री जी ने 25 सितम्बर को पं0 दीनदयाल उपाध्याय, 2 अक्टूबर को महात्मागांधी तथा लाल बहादुर शास्त्री , 11 अक्टूबर को जय प्रकाश नारायन व नाना जी देशमुख तथा 31 अक्टूबर को सरदार वल्लभ भाई पटेल के जन्मदिन के अवसर को स्मरण करने जिनका जीवन केवल राष्ट्र को सर्मपित था और जिन्होने राष्ट्र के लिए अनेक कष्ट सहेकी चर्चा की तथा कहा कि । ऐसे महापुरूषों के आदर्शो पर चलने की प्रेरणा लेने का अवसर है। उन्होने कहा महात्मागांधी पं0 दीनदयाल उपाध्याय, जयप्रकाश नारायन तथा नाना जी देशमुख जैसे महापुरूषों ने सत्ता से अपने को दूर रखकर इस राष्ट्र को बहुत ही सकारात्मक दिशा देने का कार्य किया इनके स्मरण से हमें आगे की दिशा मिलती है। उन्होंने सरदार बलल्भ भाई पटेल के जन्मदिन पर ‘‘रन फाॅर युनिटी‘‘ की भी चर्चा अपने मन के बात कार्यक्रम में की।