उ0प्र0 के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज अपनी 6 महीने की उपलब्धियों को जनता के सामने रखने के लिए पत्रकार वार्ता में जिन बातों का उल्लेख किया है वह पूरी तरह सत्य से परे है। श्री योगी द्वारा गिनाये गये सभी बिन्दुओं पर कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता-पूर्व मंत्री श्री रामकृष्ण द्विवेदी, पूर्व मंत्री सत्यदेव त्रिपाठी एवं प्रवक्ता अशोक सिंह ने एक संयुक्त वक्तव्य में कहा है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था नाम की चीज नहीं स्थापित हो पायी है। आज पूरी तरह असुरक्षा की भावना व्याप्त है और यही कारण है कि कोई उद्योगपति इस प्रदेश में पूंजीनिवेश करने के लिए तैयार नहीं है।
किसानों के फसली ऋण माफ करने की घोषणा प्रधानमंत्री श्री मोदी एवं योगी जी ने हर सभा में की थी किन्तु मीडिया ने इसकी असलियत खोली और कर्जमाफी के नाम पर 9 रूपये, 15 रूपये और 100 रूपये जेसे कर्जमाफी प्रमाणपत्र पूरे बुन्देलखण्ड में बांटे गये हैं और प्रदेश स्तर पर भी कर्जमाफी किसानों के साथ किया गया सबसे बड़ा मजाक साबित हुआ है।
श्री योगी जी की राजनीति और पीठ की महन्थई जिस शहर में हुई उसमें लगातार जापानी मस्तिष्क ज्वर से मासूमों की मृत्यु होती रही। श्री योगी के मुख्यमंत्री बनने के बाद प्रदेश की जनता को उम्मीद थी कि श्री योगी इसकी रोकथाम करने में पूरी तत्परता बरतेंगे लेकिन गोरखपुर और फर्रूखाबाद में मासूमों की जान गयी, क्या यही उपलब्धि इस शासन और प्रशासन की नहीं है। श्री योगी ने 10 लाख नौजवानों को एक वर्ष में रोजगार देने का अपना वादा दुहराया है। लेकिन उद्योग के अभाव में किस तरह नौजवानों को काम मिलेगा इसकी कोई चर्चा नहीं की। गन्ना मिलों के पेराई के लिए चलने का समय आ रहा है लेकिन अभी गन्ना किसानों के गन्ने का बकाया मूल्य मिल मालिकों ने अदा नहीं किया है। क्या इसी तरह योगी जी किसानों की आय दुगुनी करेंगे?
श्री योगी ने अपने पत्रकार सम्मेलन में 17 दुर्दान्त अपराधियों के इनकाउन्टर की बात कही है। क्या इससे प्रदेश में अपराध रूक गये हैं? प्रदेश से प्रकाशित सभी प्रतिष्ठित अखबारों की प्रतियां सबेरे देखकर क्या यह शासन और प्रशासन होने वाले अपराधों के आंकड़े अब भी नहीं देख पा रहा है?
श्री योगी ने कहा है कि जातिवाद 6 महीने में खत्म हुआ है। लेकिन विडम्बना यह है कि साम्प्रदायिकता उतनी ही तेजी से बढ़ी है। हिन्दू-मुसलमान के बीच नफरत की दीवार और मजबूती से खड़ी करने की कोशिश की गयी है। प्रदेश में गोरक्षा के नाम पर हत्याएं हो रही हैं। जो सरकार साम्प्रदायिकता नहीं रोक सकती वह जातिवाद को पनपने से कैसे रोक सकती है?
श्री योगी ने कई शहरों में मेट्रो चलाये जाने की बात कही है लेकिन लखनऊ में ही अभी 3 वर्ष मेट्रो चलाने में लगेंगे।
कांग्रेस नेताओं ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार जुमलेबाजी छोड़कर और पुरानी सरकारों पर दोष मढ़कर अपनी सफलता नहीं प्रदर्शित कर सकती, उन्हें अपने संकल्प पत्र के वादे पूरे करने चाहिए लेकिन वादे पूरे करने का केाई रोडमैप मुख्यमंत्री ने नहीं बताया है। योगी जी सिर्फ चेतावनी और जांच दो ही चीजों में कैद रहे हैं। योगी सरकार जितने काम गिना रही है अगर यह सच होता तो यह जनता के बीच चुनाव लड़ने से क्यों कतरा रहे हैं?