उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक ने आज जैन मिलन लखनऊ एवं जैन विद्या शोध संस्थान द्वारा आयोजित ‘विश्व मैत्री दिवस’ का उद्घाटन किया तथा ‘विश्व मैत्री सेवा सम्मान वर्ष 2017’ से श्री कपूर चन्द्र जैन पाटनी (गुवाहाटी, आसाम) को अंग वस्त्र, स्मृति चिन्ह व सम्मान पत्र प्रदान कर सम्मानित किया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि श्री हीरालाल निदेशक संस्कृति विभाग, श्री सुरेश जैन रितुराज अध्यक्ष भारतीय जैन मिलन, श्री शैलेन्द्र जैन उपाध्यक्ष सहित अन्य पदाधिकारी एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
राज्यपाल ने कहा कि भगवान महावीर के विचार पर चलने से जीवन में समाधान मिलता है। क्षमावाणी बड़प्पन की पहचान है। क्षमा मांगने के लिए संस्कार और मन की विशालता की आवश्यकता पड़ती है। जैन धर्म की विशेषता है कि जैन धर्म के संत जैसा बोलते हैं वैसे ही कर्म से उसका आचरण करते हैं। ऐसे आयोजन समाज का मार्ग दर्शन करते हैं। संतो एवं महापुरूषों द्वारा दिखाए गए रास्ते पर चलने से सफलता प्राप्त होती है। उन्होंने कहा कि संतो के संदेश का लाभ जनता तक पहुंचाएं।
श्री नाईक ने श्री कपूर चन्द्र जैन पाटनी को बधाई देते हुए कहा कि अच्छे व्यक्ति का सम्मान करने से स्वयं का सम्मान बढ़ता है। राज्यपाल ने आज के दिन की विशेषता बताते हुए कहा कि यह सुखद संयोग है कि आज विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर विश्व मैत्री दिवस का आयोजन किया जा रहा है तथा देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का जन्म दिवस भी है। उन्होंने अपनी ओर से तथा प्रदेश की जनता की ओर से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को जन्म दिवस की बधाई भी दी।
मुख्य वक्ता श्री कपूर चन्द्र जैन पाटनी ने कहा कि क्षमा और मैत्री जैन धर्म का सिद्धांत है। क्षमा से कल्याण होता है। उन्होंने कहा कि पूजा पद्धति को लेकर झगड़े से किसी का कल्याण नहीं हो सकता।
श्री सुरेश जैन रितुराज राष्ट्रीय अध्यक्ष भारतीय जैन मिलन ने कहा कि सबसे बड़ा धर्म अहिंसा है। अहिंसा से बड़ा कोई धर्म नहीं। अहिंसा एवं मैत्री से सबका समाधान हो सकता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी पूरे विश्व में मैत्री का वातावरण बना रहे हैं।
कार्यक्रम में राज्यपाल सहित अन्य अतिथियों का भी सम्मान किया गया। इस अवसर पर श्री शैलेन्द्र जैन सहित अन्य लोगों ने भी अपने विचार रखे। धन्यवाद ज्ञापन श्री पीयूष जैन ने किया तथा संचालन श्री विशाल जैन द्वारा किया गया।