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सरदार सरोवर बाँध के शिलान्यास के विरोध में काशी में काला दिवस मनाया गया

Posted on 17 September 2017 by admin

सांकेतिक उपवास के माध्यम से विरोध प्रकट किया गया
सरदार सरोवर बाँध से प्रभावितों को सम्मानजनक पुनर्वास दिए बिना शिलान्यास करना शर्मनाक
शांतिपूर्ण आन्दोलन को बलपूर्वक दबाने की नीति खतरनाक है

upwas-and-meetingmaidagib-park-1सरदार सरोवर बाँध से प्रभावितों को सम्मानजनक पुनर्वास दिए बिना विस्थापित किया प्रधान मंत्री द्वारा आननफानन में शिलान्यास किये जाने का काशी के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने विरोध किया है. नर्मदा घाटी में शांति पूर्ण आन्दोलन को बल पूर्वक दबाने की कोशिश के विरोध में रविवार को मैदागिन टाउनहाल स्थित गांधी पार्क में उपवास रखकर काला दिवस मनाया. ज्ञातव्य है कि नर्मदा नदी पर बने सरदार सरोवर बाँध की उंचाई बढ़ाये जाने की प्रस्तावित योजना का रविवार को शिलान्यास किया गया इस परियोजना की वजह से मध्यप्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र के 244 गाँव और 1 शहर डूब में आ रहे हैं इन गांवों में 40,000 परिवार और लाखों की आबादी, मवेशी, मंदिर-मस्जिद, खेत- खलिहान तथा लाखों पेड़ हैं । नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण ने बांध की ऊंचाई 122 मीटर से बढाकर 138.62 मीटर कर गेट्स बंद करने का निर्णय कर इन हजारों गांवो और लाखों लोगों की जलहत्या का फरमान दे दिया है.

इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि बांध की ऊंचाई लगातार बढ़ाई जा रही है और मध्यप्रदेश के 212 वर्ग किलोमीटर के 1 लाख से अधिक लोग बिना पुनर्वास और व्यवस्था के उजाड़े जा रहे है, जो लोग इस अन्याय का विरोध कर रहे है या शांतिपूर्ण आंदोलन और उपवास करके प्रतिरोध कर रहे है , मध्यप्रदेश सरकार उन पर लाठीचार्ज कर रही है और गिरफ्तार कर रही है. यह लोकतंत्रीय ढाँचे की खुली अवमानना है.

वक्ताओं ने आगे कहा कि गत दिनों मेधा पाटकर और अन्य साथियों की गिरफ्तारी के बावजूद वहां आन्दोलन चल रहा है. मेधा जी और उनके साथी बाँध को रद्द करने की मांग नहीं कर रहे, न ही केवल बांध की लगातार बढ़ाई जा रही ऊंचाई को कम करने की मांग कर रहे हैं। बल्कि वह तो पर्यावरण के विनाश को रोकने की और एक सम्पूर्ण जीवन शैली और सभ्यता को बचाने की मांग कर रहे हैं. वक्ताओं ने सरकार से अपील की कि परियोजना प्रारंभ करने से पूर्व सरदार सरोवर बाँध का गेट बंद करने के पहले डूब रहे 40000 परिवारों का सम्मानजनक पुनर्वास किया जाए तथा आन्दोलनकारियों पर चलाए जा रहे सभी मुकदमे वापस लिए जांय

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