उत्तर प्रदेश की योगी सरकार कानून व्यवस्था संभालने में बुरी तरह असफल साबित हुई है। समाचारपत्रों में जहां मुख्यमंत्री योगी जी की चेतावनी कि ‘‘अपराधियों को न बख्शें’’ प्रकाशित होती है वहीं दूसरी तरफ केन्द्रीय मंत्री श्री मुख्तार अब्बास नकवी की बहन फरहत नकवी को जान से मारने की धमकी और अपहरण करने का प्रयास किया गया। लखनऊ की छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना हो या अमेठी में पति को बंधक बनाकर महिला के साथ बलात्कार की घटना हो, बरसाने के सुप्रसिद्ध राधा मन्दिर मंे साध्वी के साथ सामूहिक दुराचार की घटनाओं ने आज पूरे प्रदेश में आम जनता को भय के वातावरण में जीने के लिए मजबूर कर दिया है।
प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं प्रवक्ता ओंकारनाथ सिंह ने आज जारी बयान में कहा कि चाहे बैंक में दिनदहाड़े डकैती हो, खुलेआम हत्या हो, लूट की घटनाएं हों, बलात्कार की घटनाएं हों, प्रदेश सरकार और पुलिस पूरी तरह अपराधियों तक पहुंचने में असफल है। बागपत में व्यापारी से 10 लाख की रंगदारी मांगी गयी, रंगदारी न देने पर बेटे की हत्या की धमकी दी गई। महराजगंज मंे 4 बच्चों की हत्या हो, बुलन्दशहर में महिला के साथ बलात्कार की घटना हो, अपराधियों के हौसले इतने बुलन्द हैं कि बिजनौर में एक लड़की के माता-पिता छेड़छाड़ की शिकायत लेकर जब छेड़खानी करने वाले के घर गये तो वहीं पर उनकी हत्या कर दी गयी।
श्री सिंह ने कहा कि इतना ही नहीं विगत 6 माह से अधिक समय योगी जी के सत्ता संभाले हो चुके हैं लेकिन उनकी ‘जीरो टालरेन्स’ वाली नीति बिल्कुल ठीक विपरीत दिशा में है। राजधानी के इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान जैसे पॉश और सुरक्षित क्षेत्र में 13सितम्बर को हजारों लोगों की मौजूदगी में गाड़ी चोर उठा ले गये और सीसीटीवी कैमरे से साफ-साफ पता चलने के बावजूद आज तक पुलिस चोरों का सुराग तक नहीं लगा पायी है। पुलिस तन्त्र पूरी तरह ध्वस्त हो चुका है। पुलिस का काम सिर्फ मुख्यमंत्री और उनके मंत्रियों, मंत्री आवासों की सुरक्षा एवं उनकी हां मंे हां मिलाने तक ही सीमित रह गया है। ऐसे में आम जनता की सुरक्षा कौन करेगा? यह आज यक्ष प्रश्न बन चुका है।
श्री सिंह ने कहा कि भाजपा की कथनी और करनी में जमीन-आसमान का अन्तर है। मुख्यमंत्री की रोजाना चेतावनी देने के बाद भी पुलिस निष्क्रिय है। ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार का पुलिस पर नियन्त्रण समाप्त हो गया है।