जहां यूपीए शासनकाल में पेट्रोल और डीजल का दाम एक बार बढ़ जाने पर भाजपा के
जिम्मेदार शीर्षस्थ पदों पर आसीन लोग सड़कों पर उतर आते थे। बैलगाडि़यों पर
प्रदर्शन करना शुरू कर देते थे वहीं पर आज एनडीए के शासनकाल में 11 बार
एक्साइज के अंदर बढ़ोत्तरी की गयी जबकि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में लगभग एक
तिहाई की कटौती खुदरा मूल्य में हुई है। इसके बावजूद भी पेट्रोल और डीजल के
दाम आसमान छू रहे हैं। सरकार की इन नाकामियों की वजह से पेट्रोल में 133
प्रतिशत और डीजल में 400 प्रतिशत से भी ज्यादा एक्साइज की बढ़ोत्तरी हुई है,
जिसका बोझ आम जनता को उठाना पड़ रहा है।
प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता कृष्णकान्त पाण्डेय ने आज जारी बयान में कहा कि
133.47प्रतिशत पेट्रोल एवं 400.86 प्रतिशत डीजल पर टैक्स बढ़ा है और वैट में
73.34प्रतिशत पेट्रोल में एवं 91.31प्रतिशत डीजल में बढ़ोत्तरी हुई है। समझने
की आवश्यकता है कि यदि आप 100 रूपये का पेट्रोल लेते हैं तो 51 रूपये 78पैसे
टैक्स के रूप में सरकार को जा रहा है। इसी तरह डीजल में 100 रूपये पर 44 रूपये
40पैसे सरकारी की जेब में जा रहा है।
प्रवक्ता ने कहा कि हमारे देश में 18करोड़ 11 लाख एलपीजी उपभोक्ता हैं। जिनको
सब्सिडी की एलपीजी मिलती है। उनके अन्दर भी 75रूपये अगर प्रतिशत के हिसाब से
देखा जाय तो बहुत बड़ी बढ़ोत्तरी की गयी है। मिट्टी के तेल के अन्दर इसी साल
31.2प्रतिशत पीडीएस के द्वारा जो मिट्टी का तेल बिकता है 31.36प्रतिशत की
बढ़ोत्तरी की गयी है इसी वजह से जो कन्ज्यूमर प्राइस रिटेल इन्डेक्स तेल का है
साल दर साल वह अगस्त माह में 3.36 प्रतिशत और थोक भाव मूल्य 3.24प्रतिशत
बढ़ाया गया है। यह सारा बोझ जनता वहन कर रही है। इसी तरह अगर प्याज में देखा
जाय तो 88.46प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की गयी है। सभी सब्जियों में 44.91प्रतिशत
की बढ़ोत्तरी और फल एवं दूध में 7.35प्रतिशत, 3.94 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी है तो
इतनी बड़ी तादाद के अन्दर मंहगाई का बढ़ना और सरकार जिस तरीके से टैक्स पर
टैक्स लगा रही है, साथ ही अर्थव्यवस्था पिछड़ती जा रही है यह सरकार पर सवालिया
निशान लगाता है।
श्री पाण्डेय ने कहा कि अलग-अलग जगहों पर कांग्रेस आन्दोलन कर सरकार पर तेल पर
जो एक्साइज और वैट बढ़ाया जा रहा है इसको कम करने के लिए दबाव बनाकर रोल बैक
करने की मांग करेगी।