समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री नरेश उत्तम पटेल ने कहा है कि सरकार की जनविरोधी नीतियों के चलते किसान बदहाल है और खेती संकट में है। कृषि अर्थव्यवस्था बुरी तरह से उसकी शिकार हो रही है। पेट्रोल-डीजल के दामों में बेतहाशा बढ़ोŸारी से रोजमर्रा चीजों के दाम आकाश छूने लगे हैं। इन दिनों विश्व बाजार में पेट्रोल के दाम 54 डालर प्रति बैरल है जबकि बाजार में पेट्रोल 72 रूपए 30 पैसे प्रति लीटर और डीजल 58 रूपए बिक रहा है। जब विश्व बाजार में पेट्रोल-डीजल के दाम कम हैं तो भी भाजपा सरकार ईंधन के दाम बढ़ाकर मुनाफा कमाने के धंधे में लगी है। इससे खेती की लागत बढ़ती जा रही है। धान के लिए डीजल से सिंचाई काफी मंहगी हो गई है। वैसे भी आशंका है कि इस बार धान का उत्पादन कम होगा।
प्रदेश अध्यक्ष का यह भी कहना है कि पेट्रोल पर इस समय 34 रूपए प्रति लीटर से ज्यादा टैक्स आ रहा है। पहली जुलाई से अभी तक पेट्रोल-डीजल के दाम 18 बार बदले हैं। इस समय पेट्रोल की कीमत पिछले एक दषक के शीर्ष स्तर पर पहुंच चुकी है। केन्द्र सरकार एक्साइज टैक्स में कमी करने के बजाय सन् 2014 से पौने तीन लाख करोड रूपए का ज्यादा टैक्स लादकर अपनी तिजोरियां जनता की परेशानियों की कीमत पर भरती जा रही है। केन्द्र की नकल पर राज्य सरकार भी लोकल टैक्स बढ़ाकर जनता की जेब काटने में सहयोगी बन जाती है।
श्री नरेश उत्तम पटेल ने कहा है कि यदि पेट्रोल-डीजल के दामों में कमी नहीं की गई तो ट्रक, ट्रैक्टर, खड़े हो जाएंगे क्योंकि नोटबंदी से पहले ही कारोबार को काफी क्षति हुई है और अब डीजल -पेट्रोल की मूल्यवृद्धि से किसान और व्यापारी दोनों को नुकसान होगा। कृषि अर्थव्यवस्था पर इसका बहुत बुरा प्रभाव पडे़गा।