भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव विधानसभा चुनावों में जनता से मिली बुरी हार को बर्दाश्त नहीं कर पाये हैं। यही कारण है कि श्री यादव को अपने गृह क्षेत्र इटावा के सैफई गांव में जनता के पैसे को अनाप-शनाप ढंग से लुटाने और अहमदाबाद में बुलेट ट्रेन चलाने में फर्क समझ नहीं पा रहे हैं। श्री अखिलेश यादव ने यूपी में मुख्यमंत्री रहने के दौरान जनता की गाढ़ी कमाई का हजारों करोड़ रुपए सैफई महोत्सव में नाच-गाना देखने में खर्च कर दिया। पहले वह इसका हिसाब दें कि जनता के पैसे को अपनी मौज-मस्ती में लुटाना कहां तक जायज है?
प्रदेश पार्टी मुख्यालय पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि केंद्र में प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार और उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की सरकार बिना किसी भेदभाव के ‘सबका साथ-सबका विकास’ के मूलमंत्र के साथ विकास की नई गाथा लिख रही है। विकास की यह परिभाषा वही समझ सकता है जो वास्तव में जनता से सरोकार रखता हो। लेकिन समाजवादी पार्टी और उनके नेताओं के लिए तो विकास का मतलब केवल अपनी मौजमस्ती के लिए संसाधन ही जुटाना था। इसका जीता-जागता प्रमाण आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर बने एकमात्र गेस्टहाउस से ही लगाया जा सकता है।
प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि इस पूरे एक्सप्रेस-वे पर सपा सरकार ने केवल करहल में ही श्री अखिलेश यादव और उनके परिवार के सदस्यों के ठहरने के लिए एक बहुत आलीशान गेस्टहाउस बनाकर यही संदेश दिया गया कि उनके लिए विकास के मायने केवल समाजवादी पार्टी के शीर्ष नेताओं का ही विकास है। श्री अखिलेश यादव की हठधर्मिता के कारण इटावा में लायन सफारी में एक दर्जन से अधिक शेर मारे जा चुके हैं। सैफई में बिना किसी उपयोगिता के इंटरनेशनल स्वीमिंग पूल और स्टेडियम बनाकर पैसों की बर्बादी की गई है। जनता अब इनके कारनामों को जान चुकी है। विधानसभा चुनाव में उसने श्री अखिलेश यादव को करारी हार देकर सबक भी सिखाया है लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि लड़कपन में श्री यादव जनता के संदेश को समझ नहीं पा रहे हैं।