विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष श्री अहमद हसन एवं विधान सभा में उपनेता डा0 वकार अहमद शाह, का संयुक्त वक्तव्य
लखनऊ - बरेली में सरकारी लापरवाही और साजिश के चलते दंगा हुआ था लेकिन आईएमसी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा को बरेली शहर में हुए बलवे का जिम्मेदार बताकर उन्हें गिरफ्तार कर कुचक्र में फंसाने की गम्भीर साजिश की जा रही है। समाजवादी पार्टी उनकी गिरफ्तारी का विरोध करती है। यह बात उजागर हो गई है कि प्रदेश सरकार की मंशा दंगों की आड़ में उलेमाओं को बेइज्जत करने और निर्दोष लोगों को फंसाने की है। आम मुसलमानो को आतंकित किया जा रहा है। झूठे मुकदमें लादे जा रहे है।
आज मुस्लिम समाज की स्थिति बद से बदतर है। सच्चर कमेटी की रिपोर्ट धूल खा रही है और रंगनाथ मिश्र आयोग की संस्तुतियों पर अमल में जानबूझकर देर की जा रही है। उत्तर प्रदेश में मुस्लिम नौजवानों को आतंकवादी बताकर मायावती सरकार फर्जी इन्काउन्टर करवा रही है। जनता की तमाम तकलीफों, मंहगाई, भ्रष्टाचार, कुशासन से ध्यान बंटाने के लिए प्रदेश सरकार दंगे करवा रही है, जिसकी हम निन्दा करते हैं।
जब से उत्तर प्रदेश में बसपा की सरकार बनी है, अल्पसंख्यकों एवं पिछड़ों को सबसे ज्यादा ज्यादती बर्दाश्त करनी पड़ रही है। उनको श्री मुलायम सिंह की सरकार के समय जो तमाम सुविधाएं दी गई थी, रोक दी गई है। शासन-प्रशासन में उनकी भागीदारी नगण्य हो गई है। रोजी-रोटी और सम्मान से उन्हें वंचित किया जा रहा है। समाजवादी पार्टी सरकार से बरेली में मौ0 तौकीर खॉ सहित सभी निर्दोष नागरिकों को रिहा करने तथा झूठे मुकदमें वापस लिए जाने की मांग करती है। समाजवादी पार्टी यह भी मांग करती है कि दंगे में जिनकी सम्पत्ति नष्ट हुई है उन्हें पर्याप्त मुआवजा दिया जाए ताकि वे फिर से अपनी जिन्दगी पटरी पर ला सके।
विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष श्री अहमद हसन, विधान सभा में उपनेता डा0 वकार अहमद शाह, पूर्व सॉसद श्रीमती रूबाब सईदा, श्रीमती फसीहा बशीर गजाला एवं श्रीमती शादाब फातिमा, महबूब अली, इकबाल महमूद, रियाज अहमद, डा0 आर0ए0 उस्मानी, अब्दुल समद अंसारी, इरफान सोलंकी, श्री शाहिद मंजूर, अब्बास अली जैदी, श्री जमीर उल्ला खॉ, श्री सुल्तान बेग, श्री जावेद अंसारी,श्री इमरान मसूद, विधान सभा सदस्यों तथा श्री अनवर अहमद, ख्वाजा हलीम विधान परिषद सदस्यों का संयुक्त वक्तव्य:-
संसद में कांग्रेस द्वारा प्रस्तुत एवं भाजपा द्वारा समर्थित महिला आरक्षण विधेयक में मुस्लिम महिलाओं के लिए आरक्षण की मॉग उठाकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं लोकसभा सदस्य श्री मुलायम सिंह यादव ने ऐतिहासिक भूमिका अदा की है। जिसके लिए हम सभी तथा मुस्लिम समुदाय उनका शुक्रगुजार हैं, हम श्री मुलायम सिंह यादव को बधाई देते है। उन्होंने यह बात देश-दुनिया के सामने उजागर की है कि वर्तमान आरक्षण बिल एक बड़ी साजिश का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य दलित, पिछड़ों तथा मुस्लिम महिलाओं को अधिकारों से वंचित रखना और धनवान घरानों की महिलाओं की यथास्थिति बरकरार रखना है। संसद, जिसे देश की आम जनता की उम्मीदों का आईना माना जाता है, में एक बड़ी जमात को हक से महरूम करने का विरोध समाजवादी पार्टी ने करके देश की आधी आबादी के प्रति अपनी जिम्मेदारी का ही निर्वाह किया है।
श्री मुलायम सिंह यादव ने हमेशा मुसलमानों के हक और अधिकारों की लड़ाई लड़ी है। बाबरी मिस्जद को बचाने के लिए उन्होंने अपनी सरकार को भी दॉव पर लगाने में तनिक भी हिचक नहीं दिखाई थी। मुसलमानों की इज्जत और रोजी-रोटी के लिए श्री मुलायम सिंह यादव ने उर्दू को पूरी तरह बढ़ावा दिया। पुलिस में 14 प्रतिशत मुस्लिमों की भर्ती उनकी सरकार ने की थी। मोअिल्ल्म उर्दू डिग्री धारकों को भी उन्होने ही भर्ती किया था। हाजियों की सुविधा के लिए गाजियाबाद और लखनऊ में हज हाउसों का निर्माण, वक्फ सम्पत्तियों के बेहतर रख-रखाव और मदरसों के लिए विकास निधि योजनाओं में विशेष सुविधाओं की व्यवस्था के कदम उनके मुख्यमन्त्रित्वकाल में ही उठाए गये थे। अरबी, फारसी, मदरसों को अनुदान सूची में शामिल करने के साथ अल्पसंख्यक छात्रों की उच्च शिक्षा सम्बन्धी विशेष ऋण योजनाएं, छात्रवृत्तियॉ देने की व्यवस्था समाजवादी पार्टी की सरकार के समय ही हुई।
हम देश भर के मुस्लिम सांसदों और विधायकों से अपील करते हैं कि वह इिम्तहान की इस घड़ी में श्री मुलायम सिंह यादव का पूरी मजबूती से साथ दें। जिन्होने पिछड़ों, दलितों और मुस्लिमों के हक में आवाज बुलन्द की है। उनकी आवाज से अपनी आवाज मिलाकर आइए हम मुस्लिमों की हकतलफी के खिलाफ उनकी जंग को कामयाब बनाएं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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