लखनऊ मेट्रो रेल का श्रेय लेने की होड़ में कल प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री आदित्यनाथ योगी ने दुबारा उद्घाटन किया। श्रेय लेने की होड़ में गरीब जनता की गाढ़ी कमाई के पैसे को जिस प्रकार विज्ञापनों में बर्बाद किया गया और देश के गृहमंत्री और तमाम प्रदेश के वरिष्ठ मंत्रीगण की मौजूदगी में जिस प्रकार लखनऊ मेट्रो का हड़बड़ाहट में उद्घाटन किया गया उसका दुष्परिणाम यह रहा कि आज दूसरे ही दिन तकनीकी खराबी के चलते यात्रियों से भरा मेट्रो का पहला एक रैक बीच में ही रूक गया उसके बाद पुनः दूसरा रैक चलाया गया वह भी आलमबाग स्टेशन पर आकर रूक गया। भारतीय जनता पार्टी द्वारा दूसरी सरकारों द्वारा किये गये कार्यों का श्रेय लेने की होड़ में प्रदेश की जनता पिसने के लिए मजबूर हो गयी है।
प्रदेश कंाग्रेस प्रवक्ता संजय बाजपेयी ने आज जारी बयान में कहा कि देश में मेट्रो कांग्रेस की देन है। लखनऊ में मेट्रो पूर्ववर्ती सरकार द्वारा लाया गया। किन्तु मेट्रो का श्रेय खुद लेने की जल्दबाजी में जिन तकनीकी चीजों का एप्रूवल दिल्ली के रेल विभाग से होना था उसमें 6 माह का विलम्ब हुआ, जबकि केन्द्र और प्रदेश में भाजपा की सरकारें हैं। फिर भी तकनीकी खराबियों को दूर करने हेतु सही मापदण्डों का पालन नहीं किया गया और राजनैतिक लाभ लेने की हड़बड़ाहट में उद्घाटन के दूसरे ही दिन लखनऊ मेट्रो खराबी की भेंट चढ़ी और मेट्रो में सफर करने वाले यात्रियों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा और बीच में ही अपनी यात्रा स्थगित करनी पड़ी।
प्रवक्ता ने कहा कि इतना ही नहीं पूरे देश में जो भी विकास कार्य यूपीए सरकार द्वारा शुरू किये गये थे और समयबद्ध चरण में वह जैसे-जैसे पूर्ण होते गये प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा मात्र उसका उद्घाटन कर जबर्दस्ती श्रेय लेने की कोशिश की गयी है, चाहे वह जम्मू से कटरा रेल लाइन हो, असम में सबसे लम्बा पुल हो अथवा जम्मू में सबसे बड़ी सुरंग हो, इन सभी का कार्य यूपीए सरकार ने शुरू किया किन्तु भाजपा द्वारा विज्ञापनों और प्रचार के जरिये इसका श्रेय लेने का भरपूर प्रयास किया गया है। विगत तीन वर्षों में केन्द्र सरकार द्वारा एक भी नयी योजना शुरू नहीं की गयी बल्कि नोटबन्दी और 28प्रतिशत जीएसटी लगाने जैसे तुगलकी फैसले के चलते आज आम जनता त्रस्त है।