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मुख्यमंत्री ने राज्य अध्यापक पुरस्कार की धनराशि 10 हजार रु0 से बढ़ाकर 25 हजार रु0 करने की घोषणा की

Posted on 05 September 2017 by admin

इस पुरस्कार से सम्मानित शिक्षकों को 65 वर्ष की
आयु तक सेवा विस्तार भी दिया जाएगा

राज्य अध्यापक पुरस्कार से सम्मानित
शिक्षकों में सभी जनपदों को प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए

राज्य सरकार शिक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक
बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध: मुख्यमंत्री

press-41शिक्षकों के चयन हेतु आॅनलाइन पारदर्शी व्यवस्था
बनाई जाए, जिससे पात्र शिक्षकों को ही सम्मान मिले

पात्र शिक्षकों को पुरस्कार देने से शिक्षा जगत में सकारात्मक बदलाव आएगा

दागी परीक्षा केन्द्रों को समाप्त करते हुए नकलविहीन
परीक्षा के लिए अभी से काम शुरू कर दिया जाना चाहिए

उच्च शिक्षा विभाग की वेबसाइट तथा बेसिक शिक्षा विभाग की ‘ई-बुक’ लाँच

मुख्यमंत्री ने शिक्षक दिवस पर 40 शिक्षकों सम्मानित किया

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने राज्य अध्यापक पुरस्कार की धनराशि को 10 हजार रुपए से बढ़ाकर 25 हजार रुपए करने की घोषणा की है। उन्होंने कहा है कि इस पुरस्कार से सम्मानित शिक्षकों को 65 वर्ष की आयु तक सेवा विस्तार भी दिया जाएगा। press-3
मुख्यमंत्री जी आज शिक्षक दिवस के अवसर पर यहां लोक भवन में आयोजित राज्य अध्यापक सम्मान समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने उच्च, माध्यमिक एवं बेसिक शिक्षा विभाग के 40 शिक्षकों को सम्मानित किया। उच्च शिक्षा विभाग के 02 शिक्षकों को वर्ष 2016 तथा 03 शिक्षकों को वर्ष 2017 के लिए सरस्वती पुरस्कार तथा 04 शिक्षकों को वर्ष 2016 के लिए तथा 06 शिक्षकों को वर्ष 2017 के लिए शिक्षक श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया। माध्यमिक शिक्षा विभाग के 08 शिक्षकों तथा बेसिक शिक्षा विभाग के 17 शिक्षकों को वर्ष 2016 के लिए राज्य अध्यापक पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
ज्ञातव्य है कि उच्च शिक्षा विभाग के सरस्वती पुरस्कार से सम्मानित शिक्षकों को 03 लाख रुपए की धनराशि, प्रशस्ति पत्र तथा प्रतीक चिन्ह् एवं शिक्षक श्री पुरस्कार से सम्मानित शिक्षकों को 01 लाख 50 हजार रुपए की धनराशि, प्रशस्ति पत्र तथा प्रतीक चिन्ह् प्रदान किया जाता है। इसी प्रकार, माध्यमिक शिक्षा एवं बेसिक शिक्षा विभाग के राज्य अध्यापक पुरस्कार से सम्मानित शिक्षकों को 10 हजार रुपए की धनराशि एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाता है।
योगी जी ने कहा कि भारत में गुरू को सम्मान देने की परम्परा रही है। प्राचीन काल से ही व्यास पूर्णिमा को गुरू पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता रहा है। वर्तमान में शिक्षकों के प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए भारतीय दर्शन एवं परम्परा के प्रति लगाव रखने वाले महान शिक्षाविद डाॅ0 सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयन्ती को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। वर्तमान प्रदेश सरकार के सम्मुख मौजूद चुनौतियों में से शिक्षा भी एक चुनौती है। राज्य सरकार शिक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध है।press-21
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य अध्यापक पुरस्कार से सम्मानित होने वाले शिक्षकों की संख्या काफी कम है। इस संख्या को बढ़ाया जाना चाहिए। पुरस्कार हेतु चयन इस प्रकार होना चाहिए कि प्रदेश के सभी जनपदों को प्रतिनिधित्व मिले। पुरस्कार हेतु शिक्षकों के चयन हेतु केन्द्र सरकार द्वारा पद्म पुरस्कारों के चयन के लिए बनाई गई आॅनलाइन पारदर्शी व्यवस्था की भांति ही व्यवस्था बनाई जाए, जिससे पात्र शिक्षकों को ही सम्मान मिले। पात्र व्यक्तियों को सम्मान देने से युवा पीढ़ी को प्रेरणा मिलती है। अपात्र व्यक्तियों का सम्मान समाज के साथ धोखा है। उन्हांेने कहा कि पात्र शिक्षकों को पुरस्कार देने से शिक्षा जगत में सकारात्मक बदलाव आएगा।
योगी जी ने कहा कि विगत 05 महीने में बेसिक शिक्षा विभाग में अच्छा कार्य हुआ है। स्कूल चलो अभियान बहुत सफल रहा है। इस अभियान के तहत 1.36 करोड़ बच्चों के नामांकन के लक्ष्य के सापेक्ष 1.53 करोड़ बच्चों का नामांकन हुआ है, जो कि बेसिक शिक्षा विभाग की बड़ी सफलता है। अपने वाराणसी भ्रमण के दौरान गरीबी के कारण स्कूल न जा रहे बच्चों केे मिलने का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित स्कूलों में नामांकित विद्यार्थियों को पुस्तकें, बैग, यूनिफाॅर्म, जूता-मोजा, स्वेटर, मध्यान्ह् भोजन तथा निःशुल्क शिक्षा के बावजूद बच्चों का स्कूल में नामांकन न होना किसी भी दशा में उचित नहीं है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा विभाग में भी अच्छे कार्य की शुरुआत हो गई है। दागी परीक्षा केन्द्रों को समाप्त करते हुए नकलविहीन परीक्षा के लिए अभी से काम शुरू कर दिया जाना चाहिए। शिक्षा पर उंगली उठती है, तो समाज पर उंगली उठती है। उन्होंने शिक्षकों का आह्वान किया कि कठिन परिश्रम करके शिक्षा जगत में हो रही गिरावट को समाप्त करें। स्वतः स्फूर्त भाव से शिक्षा जगत की समस्याओं को दूर करने का प्रयास करें। नकल रोककर छात्रों को प्रतिस्पद्र्धा के योग्य बनाएं तथा शिक्षा के क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन के सरकार के प्रयास में पूरा सहयोग प्रदान करंे।
समारोह को सम्बोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा के क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन के लिए काम कर रही है। इसके लिए एन0सी0ई0आर0टी0 के अनुरूप बेहतर और नया पाठ्यक्रम तैयार किया जा रहा है। शिक्षा के आधारभूत ढांचे को तैयार करने तथा तकनीक आधारित शिक्षा पद्धति विकसित करने पर भी बल दिया जा रहा है। राज्य सरकार का लक्ष्य सुखी मन शिक्षक, तनावमुक्त विद्यार्थी और गुणवत्तापरक शिक्षा का है। शिक्षा पद्धति को तभी बेहतर माना जा सकता है, जब गरीब और वंचित तबके के बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती अनुपमा जैसवाल ने कहा कि शिक्षा राष्ट्र की सकल पूंजी होती है। राष्ट्र और समाज की दिशा और भविष्य शिक्षा पर निर्भर करता है। असत्य और अंधकार दूर करने के लिए शिक्षा बेहद आवश्यक है। समारोह को बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री श्री संदीप सिंह ने भी सम्बोधित किया। समारोह में अतिथियों का स्वागत करते हुए कृषि उत्पादन आयुक्त श्री आर0पी0 सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इस वर्ष शिक्षा के बजट में अभूतपूर्व बढ़ोत्तरी हुई है, जिससे स्कूलों में सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री जी ने उच्च शिक्षा विभाग की वेबसाइट तथा बेसिक शिक्षा विभाग की ‘ई-बुक’ को भी लाँच किया। इस अवसर पर एक डाॅक्यूमेण्ट्री फिल्म ‘शिक्षा के बढ़ते कदम’ भी प्रस्तुत की गई।
इस अवसर पर कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही, श्रम मंत्री श्री स्वामी प्रसाद मौर्य, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री श्री लक्ष्मी नारायण चैधरी, स्टाम्प तथा न्यायालय शुल्क मंत्री श्री नन्द कुमार नन्दी, अपर मुख्य सचिव माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा श्री संजय अग्रवाल सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी, शिक्षकगण एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
राज्य अध्यापक सम्मान समारोह में एम0जे0पी0 रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय बरेली की प्रो0 नीलिमा गुप्ता तथा विद्यावती मुकुन्दलाल महिला महाविद्यालय गाजियाबाद की डाॅ0 शशि मलिक को वर्ष 2016 तथा लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रो0 ओमकार, राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय सैदाबाद इलाहाबाद के डाॅ0 अशोक कुमार वर्मा, उदय प्रताप महाविद्यालय वाराणसी के डाॅ0 गायड सिंह राठौर को वर्ष 2017 के ‘सरस्वती’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
पं0 दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय गोरखपुर के प्रो0 एच0एस0 शुक्ल, लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रो0 अरविन्द कुमार, उ0प्र0 रा0ट0 मुक्त वि0वि0 फाफामऊ इलाहाबाद के डाॅ0 ज्ञान प्रकाश यादव, डी0ए0वी0 पी0जी0 काॅलेज आजमगढ़ की डाॅ0 गीता सिंह को वर्ष 2016 का ‘शिक्षक श्री’ पुरस्कार तथा लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रो0 राजीव मनोहर, डाॅ0 मोहम्मद सेराजुद्दीन, पं0 दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय गोरखपुर के प्रो0 सौमित्र कुमार सेन गुप्ता, हे0न0ब0 राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय नैनी इलाहाबाद के डाॅ0 भाष्कर शुक्ल, कुलभाष्कर आश्रम पी0जी0 काॅलेज इलाहाबाद के डाॅ0 श्री प्रकाश तथा श्री गांधी महाविद्यालय सिधौली सीतापुर के डाॅ0 संजीव कुमार शुक्ल को वर्ष 2017 का ‘शिक्षक श्री’ पुरस्कार प्रदान किया गया।
माध्यमिक शिक्षा विभाग के श्री हनुमत इण्टर काॅलेज धम्मौर सुल्तानपुर के प्रधानाचार्य डाॅ0 वेद प्रकाश आर्य, राजकरन वैदिक पाठशाला इण्टर काॅलेज फैजाबाद के प्रधानाचार्य डाॅ0 नीलकान्त वर्मा, एम0डी0 शुक्ला इण्टर काॅलेज लखनऊ के प्रधानाचार्य श्री हरि नारायण उपाध्याय, राजकीय इण्टर काॅलेज अकबरपुर अम्बेडकरनगर के प्रवक्ता डाॅ0 नन्द लाल यादव, मदन मोहन कनोडिया बालिका इण्टर काॅलेज फर्रूखाबाद की सहायक अध्यापिका श्रीमती इन्द्रा राठौर, सेठ वृन्दावन इण्टर काॅलेज कोंच जालौन के प्रधानाचार्य श्री ब्रज बल्लभ सिंह संेगर, अन्नपूर्णा इण्टर काॅलेज गोस्वलिया कुशीनगर के प्रधानाचार्य डाॅ0 शक्ति प्रकाश पाठक तथा जनता इण्टर काॅलेज सूजरा बागपत के प्रधानाचार्य श्री कृष्ण पाल सिंह तंवर को वर्ष 2016 के लिए राज्य अध्यापक पुरस्कार प्रदान किया गया।
इसी प्रकार, बेसिक शिक्षा विभाग की पू0मा0वि0 बहलना मुजफ्फरनगर की सहायक अध्यापिका श्रीमती गीता रानी, पू0मा0वि0 उत्तरगावां जौनपुर के सहायक अध्यापक श्री लाल बहादुर वर्मा, प्रा0वि0 इस्माइलपुर सीतापुर की प्रधान अध्यापिका सुश्री इम्बिसा तुल हसन रिजवी, पू0मा0वि0 भिटिया उस्का बाजार सिद्धार्थनगर के प्रधान अध्यापक श्री अरूणेन्द्र प्रसाद त्रिपाठी, उ0प्रा0वि0 पांचली बुजुर्ग मेरठ के प्रधान अध्यापक श्री अय्यूब खान, पू0मा0वि0 पूरेमौहारी रायबरेली के सहायक अध्यापक श्री शिव शरण सिंह, प्रा0वि0 नं0-2 शाहजहांपुर मेरठ के प्रधान अध्यापक श्री शाहिद हसन, प्रा0वि0 सम्हई भदोही के प्रधान अध्यापक श्री मजीद उल्ला, पू0मा0वि0 उत्तरधोंना चिनहट लखनऊ की सहायक अध्यापिका कु0 पूर्णिमा श्रीवास्तव, पू0मा0वि0 साढ़ौली हरिया सहारनपुर की सहायक अध्यापिका श्रीमती विशाखा चैहान को वर्ष 2016 के लिए राज्य अध्यापक पुरस्कार दिया गया।
इसके अलावा, पू0मा0वि0 कौड़ीराम गोरखपुर के सहायक अध्यापक श्री अवधेश, छत्रपति शिवाजी स्मारक पू0मा0वि0 मुड़ियाखुर्द जीजाबाई नगर चिल्हिया सिद्धार्थनगर के प्रधान अध्यापक श्री राम चन्द्र चैधरी, पू0मा0वि0 पड़ैचा शाहजहांपुर के प्रधान अध्यापक श्री सुभाष चन्द्र मिश्र, उ0प्रा0वि0 सैदपुर कुरमियान बरेली के प्रधान अध्यापक श्री सन्तोष कुमार, प्रा0वि0 पिलख-2 कानपुर देहात के प्रधान अध्यापक श्री विक्रम सिंह, प्रा0वि0 काजीवाला बिजनौर की प्रधान अध्यापिका श्रीमती मिथलेश कुमारी तथा प्रा0वि0 कुन्हैड़ा गाजियाबाद के प्रधान अध्यापक श्री ईश्वर सिंह को भी वर्ष 2016 का राज्य अध्यापक पुरस्कार प्रदान किया गया।

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