एम0बी0बी0एस0 पाठ्यक्रम में 4223 अभ्यर्थी प्रवेशित
शैक्षणिक सत्र 2017-18 हेतु पूरे देश में सर्वप्रथम
उ0प्र0 में आॅनलाइन काउन्सिलिंग की व्यवस्था लागू की गई
एम0बी0बी0एस0 की सभी सीटों पर आवंटन/प्रवेश की कार्यवाही पूरी किए जाने से भविष्य में योग्य
चिकित्सकों की कमी को दूर करने में सहायता मिलेगी
उत्तर प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री आशुतोष टण्डन द्वारा अवगत कराया गया है कि नीट यू0जी0-2017 के आधार पर वर्तमान शैक्षणिक सत्र 2017-18 में राजकीय मेडिकल काॅलेजों में एम0बी0बी0एस0 पाठ्यक्रम की 1673 सीटें तथा निजी क्षेत्र के मेडिकल काॅलेजों में एम0बी0बी0एस0 पाठ्यक्रम की 2550 सीटों पर आवंटन/प्रवेश की प्रक्रिया आॅनलाइन सम्पन्न की गई।
प्रदेश में प्रथम बार आॅनलाइन काउन्सिलिंग प्रक्रिया को सफलतापूर्वक सम्पन्न कराए जाने की सराहना स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा भी की गई है। इस काउन्सिलिंग हेतु लगभग 42000 अभ्यर्थियों द्वारा आॅनलाइन पंजीकरण कराया गया। शैक्षणिक सत्र 2016-17 में लगभग 1100 से अधिक एम0बी0बी0एस0 पाठ्यक्रम की सीटें रिक्त रह गई थीं, जबकि इस वर्ष मेरिट आधारित काउन्सिलिंग से सभी सीटें भरते हुए निजी क्षेत्र के मेडिकल काॅलेजों की मनमानी रोकने में सरकार कामयाब रही।
शैक्षणिक सत्र 2017-18 में के0जी0एम0यू0 की बी0डी0एस0 पाठ्यक्रम की सभी 51 सीटों पर प्रवेश प्रक्रिया सम्पन्न कर ली गई है, जबकि निजी क्षेत्र के डेण्टल काॅलेजों में वर्तमान में 2200 सीटों के सापेक्ष लगभग 1100 सीटों पर प्रवेश प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है तथा शेष लगभग 1100 सीटों पर आवंटन/प्रवेश की प्रक्रिया दिनांक 6-8 सितम्बर, 2017 तक माॅप-अप राउण्ड के माध्यम से पूर्ण कर ली जाएगी। सत्र 2016-17 में निजी क्षेत्र की बी0डी0एस0 पाठ्यक्रम की लगभग 1500 से अधिक सीटें रिक्त रह गई थीं।
चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण महानिदेशक डाॅ0 के0के0 गुप्ता द्वारा यह अवगत कराया गया है कि शासन द्वारा शैक्षणिक सत्र 2017-18 हेतु पूरे देश में सर्वप्रथम उत्तर प्रदेश में आॅनलाइन काउन्सिलिंग की व्यवस्था लागू की गई, जिससे पारदर्शिता के साथ-साथ छात्रों/अभिभावकों के समय तथा धन की बचत हुई। काउन्सिलिंग प्रक्रिया को इस प्रकार से सम्पन्न कराया गया कि जिससे मेरिट के आधार पर पात्र अभ्यर्थियों को प्रवेश मिल सका। शासन के अथक प्रयासों से प्रदेश की एम0बी0बी0एस0 पाठ्यक्रम की सभी सीटों पर आवंटन/प्रवेश की कार्यवाही पूर्ण की जा चुकी है, जिससे भविष्य में योग्य चिकित्सकों की कमी को दूर करने में सहायता मिलेगी।