लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक के उद्घोष वाक्य के 101 वर्ष पूर्ण होने पर 29 दिसम्बर को लखनऊ में आयोजित होगा भव्य कार्यक्रम
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सभी राज्य विश्वविद्यालयों में सम्भाषण प्रतियोतिगा आयोजित होंगी
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक की पहल पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक के स्वतंत्रता की अलख जगाने वाले अमर उद्घोष वाक्य ‘स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा’ के 101 वर्ष पूर्ण होने पर भव्य समारोह आयोजित करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस आशय का पत्र राज्यपाल को प्रेषित किया है।
राज्यपाल को प्रेषित पत्र में मुख्यमंत्री ने कहा है कि लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक के अजर-अमर उद्घोष वाक्य ‘स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा’ के 101 वर्ष पूर्ण होने पर प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक पर सम्भाषण प्रतियोगिता आयोजित कराई जायेंगी तथा 29 दिसम्बर 2017 को एक भव्य ‘स्मृति समारोह’ का आयोजन लखनऊ में किया जाएगा।
राज्यपाल ने 17 मई 2017 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखे अपने पत्र के साथ पुणे महानगर पालिका की महापौर तथा लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक के प्रपौत्र की पत्नी श्रीमती मुक्ता तिलक के पत्र को प्रेषित करते हुए कहा था कि बाल गंगाधर तिलक ने 29 दिसम्बर 1916 को लखनऊ में आयोजित कांग्रेस के अधिवेशन में प्रभावी भाषण देते हुए उद्घोष किया था कि ‘स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा’। इसी घोषणा ने जाति-धर्म की भावना के परे सभी देशवासियों को आजादी के लिए एकजुट होकर लड़ने की प्रेरणा प्रदान की। लखनऊ शहर इस घटना का साक्षी था। इस उद्घोष वाक्य के शताब्दी वर्ष पूर्ण होने पर लखनऊ में एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया जाना औचित्यपूर्ण होगा।
इसके साथ ही राज्यपाल ने 1 अगस्त 2017 को महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं प्रखर राष्ट्रवादी विचारक बाल गंगाधर तिलक की पुण्य तिथि के अवसर पर लखनऊ में आयोजित एक कार्यक्रम में सम्मिलित होने गए थे। वहाँ उन्होंने बाल गंगाधर तिलक को अपनी एवं प्रदेश की जनता की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित करने के पश्चात् अपने सम्बोधन में कहा था कि वे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बाल गंगाधर तिलक के लखनऊ में दिए गए उद्घोष ‘स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा’ के 101 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर भव्य समारोह आयोजित करने पर चर्चा करेंगे। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को 18 अगस्त 2017 को इस संबंध में विचार कर कार्यक्रम आयोजित करने हेतु पत्र लिखा था। राज्यपाल इस संबंध में पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव को भी पत्र लिखा था।
उल्लेखनीय है कि बाल गंगाधर तिलक ने 29 दिसम्बर 1916 को लखनऊ में आयोजित कांग्रेस के अधिवेशन में प्रभावी भाषण देते हुए उद्घोष किया था कि ‘स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा’। बाल गंगाधर तिलक ने अपने समाचार पत्र ‘केसरी’ और ‘मराठा’ के अग्रलेख के माध्यम से भी लोगों में आजादी के लिए जागरूक करने का महत्वपूर्ण कार्य किया था। अंग्रेजों द्वारा उन्हें ‘भारतीय अशांति के जनक’ कहते हुए म्यांमार (बर्मा) की मंडाला जेल में निरूद्ध कर दिया गया था जहां उन्होंने ‘गीता रहस्य’ जैसी अभूतपूर्व पुस्तक की रचना की थी।