समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव ने कहा है कि नोटबंदी के कारण देश की अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लगा है। इससे न तो कालेधन का पता चला है और नहीं नकली करेंसी का हिसाब मिला है। नहीं भ्रष्टाचार रूका है और नहीं आतंकवादियों की गतिविधियों में कमी आई हैं।
नोटबंदी का निर्णय भी अब संदेह के घेरे में है। कृषि पर इसका विपरीत प्रभाव पड़ा है। चालू विŸा वर्ष की पहली तिमाही में कृषि क्षेत्र की वृद्धिदर 2.3 प्रतिशत रही जो वर्ष 2017 की चैथी तिमाही में 5.2 फीसदी थी। मंहगाई अनियंत्रित है। खेती में उपयोग होने वाले उपकरणों के दामों में तेजी आई है। व्यापार में मंदी है। छोटे उद्योगधंधे चैपट हो गए है। निर्माण कार्य ठप्प होने से फ्लैट और मकान खरीदना कठिन हो गया है नोटबंदी से अमीरों का कुछ नहीं बिगड़ा है, गरीबों की जरूर शामत आ गई है।
श्री यादव का कहना है कि नोटबंदी और जीएसटी से विकास कार्यों को बहुत क्षति पहुंची है। उद्योगधंधो का विस्तार रूका है। खनन क्षेत्र में कमी आई है। निर्माण सामग्री मंहगी होने से आवासीय निर्माण में भारी गिरावट आई है। विनिर्माण क्षेत्र में सकल मूल्यवर्धन (जीएसटी) भारी गिरावट के साथ 1.2 प्रतिशत रह गया है। नोटबंदी ने आम जनता का जीवन दूभर कर दिया हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री जी ने कहा कि देश के तमाम अर्थशास्त्रियों ने भी नोटबंदी और जीएसटी की उपयोगिता पर शंकाए जताते हुए स्थिति पर चिंता व्यक्त की है। नोटबंदी के कारण जीडीपी की वृद्धि दर चालू विŸावर्ष की पहली अप्रैल-जून की तिमाही में घटकर 5.7 प्रतिशत पर आ गई है। तीन साल में यह सबसे निचला स्तर है। खुद रिजर्व बैंक ने माना है कि नोटबंदी से चलन से हटाए गए करीब 99 प्रतिशत नोट बैंक में वापस लौटे हैं। काला धन और फर्जी नोट कहां है पता नहीं चला।
श्री अखिलेश यादव ने कहा कि उनकी पहले से यह राय रही है कि नोटबंदी से भारत का अर्थव्यवस्था को कोई फायदा होने वाला नहीं है। नोट काला सफेद नही होता है बल्कि आपसी लेन देन ही कालाबाजारी की श्रेणी में आता है। पूर्व मुख्यमंत्री जी ने बारम्बार इस बात पर जोर दिया है कि नोटबंदी से देश बहुत पीछे हो जाएगा। भारत की जीडीपी दर में जहां गिरावट आई है वहीं चीन ने 6.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई हैं। जब उन्होंने नोटबंदी से नुकसान की भविष्यवाणी की थी तब उनके विरूद्ध भाजपा नेताओं ने अभियान चलाकर असली मुद्दो से ध्यान भटकाने की कोशिश की थी।
लेकिन अब तो यह दिन के उजाले की तरह स्पष्ट है कि आर्थिक क्षेत्र गंभीर चुनौतियों से गुजर रहा है। मंहगाई घटेगी नहीं, और बढ़ेगी। जो आर्थिकी भाजपा की गलत नीतियों के चलते पटरी से उतर गई हैं उसकेा फिर से पटरी पर लाना आसान नहीं होगा। भाजपा ने जो तबाही मचाई है 2019 तक जनता उसको भूलेगी नहीं, वह इसकी कड़ी सजा देगी।