वैकल्पिक ऊर्जा के प्रदूषण मुक्त होने के कारण अब इसे मुख्य ऊर्जा विभाग की
तरह कार्य करना होगा-ब्रजेश पाठक
25 वर्षीय विद्युत क्रय अनुबंध तथा एकल खिड़की व्यवस्था पाॅलिसी में रहेगी-श्री
आलोक कुमार, प्रमुख सचिव
उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण (यूपीनेडा) द्वारा सौर
ऊर्जा नीति-2017 के आलेख्य पर स्टेकहोल्डर्स कन्सल्टेण्ट मीट का आयोजन किया
गया है। इस मीट की अध्यक्षता प्रदेश के अति0 उर्जा óोत मंत्री, श्री बृजेश
पाठक द्वारा की गयी।
मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए श्री पाठक ने कहा कि वैकल्पिक ऊर्जा के
प्रदूषण मुक्त होने के कारण अब इसे मुख्य ऊर्जा विभाग की तरह कार्य करना होगा
क्योंकि पारंपरिक ऊर्जा से उत्पन्न प्रदूषण के कारण सामाजिक व्यवस्था पर
प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। उन्हांेने उपस्थित सभी निवेशकर्ताओं का आवाह्न करते
हुए कहा कि हम सभी का उद्देश्य एक है, बस दायित्व अलग-अलग हैं। उन्होंने
निवेशकर्ताओं की मुख्य चिंता को संज्ञानित करते हुए यह कहा कि निवेशकर्ताओं
द्वारा लिए गए लोन का समय से पुर्नभुगतान करने के लिए यह आवश्यक है कि हर स्तर
पर सभी अड़चनों को दूर करते हुए निर्धारित समय से पूर्व ही कार्यों को पूर्ण
किया जाए।
श्री पाठक ने कहा कि सौर ऊर्जा से उत्पादित विद्युत की दरें सभी के लिए
व्यवहारिक होना चाहिए। उन्होने प्रदेश के आम जनमानस तक सौर ऊर्जा आधारित
संयंत्रों की पहॅुच कम लागत में सुनिश्चित करने के लिए निवेशकर्ताओं से आग्रह
किया कि वे प्रदेश में सोलर पैनल के निर्माण हेतु आवश्यक कच्चे माल को तैयार
करने वाली उत्पादन इकाईयों की स्थापना करें।
इस मीट में विभिन्न प्रांतो से आये हुए परियोजना विकासकर्ता जोकि उत्तर प्रदेश
में सौर पावर के क्षेत्र में निवेश करने के इच्छुक हैं, के द्वारा चर्चा में
भाग लेते हुए सौर ऊर्जा नीति-2017 के ड्राफ्ट में संशोधन हेतु विभिन्न
सुझाव/टिप्पणियां दी गयी । कन्सल्टेण्ट मीट में प्रमुख सचिव, ऊर्जा एवं
अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत विभाग, उत्तर प्रदेश शासन श्री आलोक कुमार द्वारा भी
ड्राफ्ट सौर ऊर्जा नीति-2017 के महत्वपूर्ण आवश्यक बिन्दुओं पर प्रकाश डालते
हुए इस बात पर बल दिया गया है कि पारदर्शिता एवं सुविधाएं इस सोलर पावर
पाॅलिसी-2017 का मूल आधार है। सोलर पावर पाॅलिसी इस प्रकार से तैयार की जा रही
है जिससे प्रदेश में अच्छा एवं उचित निवेश हो सके। साथ ही उन्होने हितधारकों
को यह भी बताया कि 25 वर्षीय विद्युत क्रय अनुबंध तथा एकल खिड़की व्यवस्था
पाॅलिसी में रहेगी। उन्होने निवेशकर्ताओं को यह भी बताया कि बुन्देलखण्ड
क्षेत्र मे स्थापित सोलर पावर परियोजनाओं की सुगम विद्युत निकासी हेतु ग्रीन
काॅरीडोर बनाने के प्रस्ताव पर भी विचार किया जा रहा है।
कार्यक्रम के प्रारंभ में निदेशक, यूपीनेडा श्रीमती संगीता सिंह ने अपने
स्वागत संबोधन में यह बताया कि भारत विश्व में 5वाॅ सबसे बड़ा विद्युत उत्पादन
करने वाला देश है। उन्होने उपस्थित हितधारकों केे हवाले से यह भी बताया कि
उत्तर प्रदेश की प्रस्तावित सोलर पाॅलिसी अन्य राज्यों की पाॅलिसी से बेहतर है।