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लोग खुले आसमान में जीने के लिए मजबूर हैं

Posted on 25 August 2017 by admin

प्रदेश में बाढ़ ने कहर बरपा दिया है। प्रदेश के लगभग दो दर्जन जिलों में आम जनता बाढ़ से प्रभावित है। लाखों की संख्या में परिवार बेघर हो गये हैं और हजारों की संख्या में गांव बाढ़ की चपेट में हैं। अब तक सैंकड़ों की संख्या में बाढ़ से मौतें हो चुकी हैं।
प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता कृष्णकान्त पाण्डेय ने आज जारी बयान में कहा कि प्रदेश के बाढ़ प्रभावित जनपदों में किसानों की खरीफ की फसलें बाढ़ में पूरी तरह बर्बाद हो चुकी हैं। गांव के गांव बाढ़ में डूबने के चलते मकान तबाह हो गये हैं। लोग खुले आसमान में जीने के लिए मजबूर हैं।
प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री के जिले गोरखपुर में जिस तरह से एक बाबू के भरोसे आपदा प्रबन्ध कार्यालय चल रहा है तथा बाढ़ सम्बन्धी सारे कार्य कागजों तक सिमट गये हैं यह पूरी व्यवस्था की पोल खोलता है। पूर्व नियोजित व्यवस्था न होने के कारण लगभग आधा प्रदेश बाढ़ विभीषिका से बुरी तरह प्रभावित है और कुछ अधिकारी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अपनी पोस्टिंग कराने के लिए जी जान लड़ा देते हैं। निश्चित रूप से जहां बाढ़ से कुछ घर उजड़ जाते हैं वही बाढ़ फण्ड के रूप में कुछ घरों को अच्छी तरह सजा देती है। इस कार्य को अंजाम बिना सिचाई मंत्री की सहमति के नहीं दिया जा सकता।
श्री पाण्डेय ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि प्रदेश में आयी भीषण बाढ़ से प्रभावित जनपदों के किसानों की बर्बाद हुई फसलों का मुआवजा दिये जाने के साथ ही बाढ़ पीडि़तों के सभी प्रकार के सरकारी व सहकारी देयों को माफ किया जाये। बाढ़ से मरने वालों तथा बेघर हुए लोगों को उचित मुआवजा प्रदान किया जाये।

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