1000 वर्गफीट या उससे कम के प्लाट मालिकों को किस्तों में मिलेगा कनेक्शन
प्रदेष के प्रत्येक जिले में षहर के बाहरी इलाकों में कुछ विकासकर्ताओं ने प्लाटिंग तो कर दी है, परन्तु रहन-सहन के लिए आवष्यक सुविधा हेतु इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास नही कराया है अर्थात वहाॅ कोई भी विद्युत तंत्र नहीं है, जिससे वहाॅ के निवासी बिजली जैसी बुनियादी सुविधा से वंचित है या अवैध रूप से विद्युत का उपभोग कर रहे है। ग्रामीण क्षेत्रों में यद्यपि विद्युतीकरण हेतु दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण विद्युतीकरण योजना तथा ग्राम ज्योति योजना के अन्तर्गत पोशित है किन्तु षहर के बाहरी क्षेत्र में विद्युतीकरण हेतु कोई भी योजना अभी तक नहीं बनी है। प्रदेष सरकार सभी को विद्युत उपलब्ध कराना चाहती है।
यह जानकारी देते हुये ऊर्जा मंत्री श्रीकान्त षर्मा ने बताया है कि पूरे प्रदेष में ऐसी षिकायतें मिल रही थी कि अविकसित कालोनियों में बिल्डरों ने प्लाॅट बेचने के बाद बिजली सुविधायें नहीं दीं। जिससे हजारों लोग बिजली कनेक्षन लेने के लिये दौड़ रहे हैं। उनके षोशण की भी षिकायते थी। पावर फार आल के तहत इस समस्या के हल के लिये कारपोरेषन को निर्देष दिया गया कि वह नियामक आयोग से अनुमति लेकर जनता की सुविधा के लिये इस तरह की योजना प्रस्तावित करे। पहली बार इस तरह ही नयी योजना पूरे प्रदेष में लागू की जा रही है। जिससे प्रदेष के लाखों लोगों को लाभ होगा।
योजना के बारे में जानकारी देते हुए प्रमुख सचिव ऊर्जा एवं उ0प्र0 पावर कारपोरेषन के अध्यक्ष श्री आलोक कुमार ने बाताया है कि षहर के बाहरी क्षेत्रों में प्लाटिंग कर भवन निर्माण हो गये हैं किन्तु कतिपय कारणों से पूर्व में कुछ अध्यासियों को लम्बी दूरी (40 मीटर से अधिक) के विद्युत संयोजन प्रदान कर दिये गये हैं अथवा वर्तमान में लम्बी दूरी के कारण संयोजन निर्गत नही किये जा रहे हैं, ऐसे अध्यासियों को विद्युत आपूर्ति सुनिष्चित करने हेतु योजनाबद्ध तरीके से सुदृढ़ विद्युत तंत्र का निर्माण करना आवष्यक है। इस श्रेणी के अन्तर्गत अभी अध्यासियों से संयोजन राषि के अतिरिक्त उनकी प्लाट की रजिस्ट्री में वर्णित क्षेत्रफल के अनुसार रू0 35 वर्ग फीट की दर से विद्युत तत्र निर्माण हेतु धनराषि जमा कराया जाना प्रस्तावित है ।
1000 वर्गफीट से अधिक क्षेत्रफल वाले प्लाटों को 35 रू0/वर्गफीट की दर से एकमुष्त भुगतान करना होगा। जबकि आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्तियों, जिनके प्लाटों का क्षेत्रफल 1000 वर्गफीट या उससे कम हो, उसके पास यह विकल्प होगा कि वह या तो 35 रू0 फीट की दर से एक मुष्त भुगतान करें या फिर 15 रू0 प्रति वर्ग फीट की दर से एकमुष्त तथा अवषेश राषि 1 प्रति वर्ग फीट, प्रति माह की दर से 24 समान किष्तों में भुगतान करें। उपभोक्ता द्वारा किष्तों का भुगतान उसके बीजकों में जोड़कर प्राप्त किया जायेगा। इस नवीन विद्युत तंत्र के दायरे में पूर्व के लम्बी दूरी के संयोजन प्राप्त अध्यासी भी इस योजना के अन्तर्गत आयेंगे और उन्हें भी धनराषि जमा करना आवष्यक होगा।
इस योजना के अन्तर्गत षहरों की बाहरी सीमा पर स्थित ऐसी अविकसित कालोनी चिन्हित की जायेंगी जहाॅ न्यूनतम 25 प्रतिषत प्लाटों पर भवन निर्माण हो गये हो तथा उन में से 50 प्रतिषत भवन स्वामियों ने उपरोक्तनुसार निर्धारित धनराषि जमा करा दी हो। इस योजनाओं में 11 के0वी0 का तंत्र स्टील ट्यूबलर पोल पर तथा एल0टी0 लाईनों को पी0सी0सी0 पोल पर ए0बी0सी0 केबल डालकर विकसित किया जायेगा, जिससे विद्युत चोरी की सम्भावना न हो। इस योजना के अन्तर्गत कलर कोडिंग कर विद्युत उपकरण स्थापित कर विद्युतीकरण किया जायेगा जिससे इस योजना के क्रियान्वयन में कोई संषय न रहें। इस तरह के नवनिर्मित तंत्र से दिये जाने वाले प्रत्येक अध्यासी द्वारा उपरोक्त धनराषि एवं उसकी किष्तों को जमा कराना क्षेत्र के अवर अभियन्ता का पूर्ण दायित्व होगा एवं इसका अनुश्रवण उपखण्ड अधिकारी स्तर पर किया जायेगा।
यह योजना प्रत्येक डिस्काम में षहर के बाहर धनी बस्ती अविकसित कालोनियों को प्राथमिकता देते हुए चिन्हित कर कार्यान्वित होंगी।