(1) मुस्लिम महिलाओं के तीन तलाक के मामले में माननीय सुप्रीम कोर्ट के आज आये फैसले का स्वागत।
(2) अब माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्देश व उसकी मंशा के अनुसार बिना कोई संकीर्ण व आर.एस.एस. के गुप्त एजेण्डे की राजनीति किये हुये केन्द्र सरकार से आगे की कार्यवाही करके समय से क़ानून बनाने की माँग।
(3) और यह अच्छा होता यदि मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड खुद ही पूरी तत्परता के साथ तीन तलाक के मामले में कार्रवाई करता, परन्तु ऐसा नहीं किया गया, जिस कारण ही माननीय कोर्ट को हस्तक्षेप करना पड़ा: बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, पूर्व सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सुश्री मायावती जी।
लखनऊ, 22 अगस्त, 2017: बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, पूर्व सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सुश्री मायावती जी ने मुस्लिम महिलाओं के तीन तलाक के मामले में माननीय सुप्रीम कोर्ट के आज दिये गये फैसले का स्वागत करते हुये कहा कि अब केन्द्र सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वह बिना कोई संकीर्ण व आर.एस.एस. के गुप्त एजेण्डे की राजनीति किये हुये माननीय न्यायालय के फैसले के निर्देश व उसकी सही मंशा के मुताबिक सम्बन्धित मामले में समय सीमा के भीतर ही उचित कदम उठाये, अर्थात् कानून बनाये।
सुश्री मायावती जी ने कहा कि वैसे तो माननीय सुप्रीम कोर्ट के संविधान पीठ पूरे फैसले का बारीकी से अध्ययन किया जाना बाकी है, परन्तु मीडिया से प्राप्त खबर के मुताबिक माननीय सुप्रीम कोर्ट की पाँच जजों की संविधान पीठ ने 3-2 के बहुमत के फैसले से तीन तलाक को असंवैधानिक करार देकर इस पर पाबन्दी लगाते हुये केन्द्र सरकार से इस सम्बन्ध में छह महीने के भीतर कानून बनाने के लिये कहा है, जिसका समय से अनुपालन किया जाना चाहिये।
सुश्री मायावती जी ने यह भी कहा कि यह अच्छा होता, यदि मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड खुद ही पूरी तत्परता के साथ तीन तलाक के मामले में कार्यवाही करता, इसके साथ ही इस बुराई की रोकथाम के लिये जितनी तत्परता से इस पर कार्रवाई की जानी चाहिये थी वह नहीं की गयी, ऐसा कोर्ट का मानना है। इस कारण ही माननीय कोर्ट को ऐसा हस्तक्षेप करना पड़ा है। इसका अब सभी को मुस्लिम महिलाओं के हित में स्वागत किया जाना चाहिये।
और अब संक्षेप में यही कहना है कि देश में तीन तलाक के मामले में व इसकी आड़ में मुस्लिम महिलाओं का वर्षों से जो यहाँ काफी ज्यादा शोषण व उत्पीड़न आदि हो रहा था, तो उसे मध्यनजर रखते हुये आज माननीय सुप्रीम कोर्ट का इस मामले में जो फैसला आया है, उसका बी.एस.पी. ने दिल से स्वागत किया है।
जारीकर्ता:
बी.एस.पी. राज्य कार्यालय उ.प्र.
12 माल ऐवेन्यू, लखनऊ