समाजवादी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी का कहना है कि भाजपा लोकतंत्र की मर्यादाओं का पालन न कर एक बुरी नजीर पेश कर रही है। संवैधानिक पदों पर बैठे नेताओं को यह स्मरण रखना चाहिए कि विपक्ष के नेता देश के किसी भी स्थान पर जाने के लिए स्वतंत्र हैं। उनकी गतिविधि और अभिव्यक्ति के अधिकार पर प्रश्नचिन्ह् लगाना लोकतांत्रिक व्यवस्था में अविश्वास रखने जैसा है। यह खतरनाक इरादों की तरफ संकेत करता है।
मुख्यमंत्री का यह कहना कि गोरखपुर पिकनिक स्पाट नहीं है दुर्भाग्यपूर्ण है। भाजपा की अकर्मण्यता की चर्चा न हो इसलिए अखिलेश जी के बारे में भी अब अनर्गल टिप्पणियां की जा रही हैं। भाजपा नेताओं का यह आचरण उनके संस्कार और शिष्टाचार को दर्शाता है। भाजपा नेताओं को अनर्गल बयानबाजी बंद करनी चाहिए और जनता को राहत पहुंचाने के लिए जनादेश का सम्मान करना चाहिए। भाजपा की नीयत जनहित में विकास कार्यों में अवरोध डालने की रही है, यह जनता के साथ धोखा है। श्री अखिलेश यादव ने ठीक ही कहा है कि भाजपा सरकार ने विकास रोक दिया है। उनका नया स्तर गाली गलौज और निरर्थक मुद्दों के जरिए राजनीति करना है।
कैसी विडम्बना है कि पांच माह में ही उत्तर प्रदेश में भाजपा के प्रति जनता में मोहभंग शुरू हो गया है। यह सरकार जनता के फायदे की एक भी योजना लागू नहीं कर पाई हैं। विकास पटरी से उतर चुका है। कानून व्यवस्था चैपट है। बिजली का संकट गहराता जा रहा है। बाढ़ से बचाव का कोई इंतजाम नहीं है। स्वयं मुख्यमंत्री जी के गृह जनपद में दर्जनों बच्चों की मौत हो चुकी है। अस्पतालों में न दवा है न आक्सीजन। अपनी सरकार की विफलताओं पर ध्यान देने के बजाय मुख्यमंत्री जी और उनकी सरकार के दूसरे मंत्री विपक्ष पर आरोप-प्रत्यारोप करने में व्यस्त है। बच्चों की मौत पर भी उनके बयान संवेदनहीनता की पराकाष्ठा बताते हैं।
श्री अखिलेश यादव ने अपने मुख्यमंत्रित्वकाल में गोरखपुर में मस्तिष्क ज्वर के उपचार के लिए मेडिकल कालेज में 200 बेड की संख्या बढ़ाई थी। एम्स की स्थापना के लिए केंद्र को राज्य सरकार ने कीमती जमीन दे दी थी। यह भी संवेदनहीनता है कि भाजपा सरकार ने पीड़ित परिवारों की अभी तक कोई आर्थिक सहायता नहीं की। श्री अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार से मांग की थी कि पीड़ित परिवारों को 20-20 लाख रूपये दिए जाय।
जबकि पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव स्वयं गोरखपुर जाकर पीड़ित परिवारों से मिले और मृत बच्चों के परिवारीजनों को 2-2 लाख रूपये पार्टी फंड से दिए हैं। यह व्यवस्था उन सभी परिवारों के लिए है जिनके बच्चे आक्सीजन की कमी के कारण मौत के शिकार हुए थे। श्री अखिलेश यादव की संवेदनशीलता से भाजपा के नेतृत्व को सीख लेने की जरूरत है। गोरखपुर में गंदगी का अम्बार है। मेडिकल कालेज की अव्यवस्थाओं पर सांसद रहते हुए अभी तक मुख्यमंत्री जी का ध्यान क्यों नहीं गया?