राहत कार्य में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी
एनडीआरएफ और पीएसी का अतिरिक्त बल तैनात करने के निर्देश
बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में ऐसे गरीब जिनके पास रहने के लिए पक्के मकान नहीं हैं, उन्हें आने वाले दिनों में पक्के मकान दिए जाएंगेे: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने जनपद गोण्डा के बाढ़ राहत केन्द्र पाल्हापुर पहुंचकर
बाढ़ पीडितों का हाल-चाल लिया तथा राहत सामग्री वितरित की
मुख्यमंत्री ने बाढ़ पीड़ितों को आर्थिक मदद प्रदान की
बांध कटने की समस्या के स्थाई निदान हेतु
राज्य सरकार के निर्णय लिया, जल्द ही इस पर कार्य शुरू होगा
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने प्रत्येक बाढ़ पीड़ित को राहत सामग्री समय से उपलब्ध कराने तथा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्य युद्धस्तर पर चलाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि राहत कार्य में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। यदि किसी भी स्तर पर लापरवाही की बात सामने आती है तो दोषियों के खिलाफ शासन स्तर पर कठोर कार्यवाही की जाएगी।
मुख्यमंत्री जी आज जनपद गोण्डा की तहसील करनैलगंज के बाढ़ राहत केन्द्र पाल्हापुर में बाढ़ पीड़ितों का हाल-चाल जानने एवं राहत सामग्री वितरण के उपरान्त अपने विचार व्यक्त कर रहे थे।
मुख्यमंत्री जी ने अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि बाढ़ की विभीषिका से जूझ रहे बाढ़ पीड़ितों को यदि राहत कार्य पहुंचाने में किसी भी स्तर पर लापरवाही बरती गई तो निश्चित ही बड़ी और कठोर कार्यवाही होगी। उन्होंने कहा कि कुछ अधिकारियों की शिकायत प्राप्त हुई है जिनके खिलाफ अतिशीघ्र कार्यवाही की जाएगी। उन्हांेने जिलाधिकारी को निर्देशित किया कि वे प्रत्येक दशा में यह सुनिश्चित करें कि कोई भी बाढ़ प्रभावित राहत प्राप्त करने से वंचित न रहने पाए। उन्हांेने कहा कि बाढ़ पीड़ितों को शुद्ध पेयजल, खाद्यान्न, दवाइयां, पशुओं के लिए चारा सहित अन्य सभी जरूरी वस्तुओं की उपलब्धता प्रत्येक स्थिति में सुनिश्चित की जाए।
योगी जी ने कहा कि बाढ़ प्रभावित गांवों में पहंुचने के लिए स्टीमर चलवाए जाए तथा एनडीआरएफ और पीएसी के अतिरिक्त बल तैनात किए जाए। उन्हांेने घोषणा करते हुए कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में ऐसे गरीब, जिनके पास रहने के लिए पक्के मकान नहीं हैं, उन्हें आने वाले दिनों में पक्के मकान दिए जाएंगेे। उन्होंने जिलाधिकारी को निर्देश दिए कि वे ऐसे पात्र गरीबों की सूची बनवाकर आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित कराएं।
मुख्यमंत्री जी ने जनप्रतिनिधियों से भी राहत एवं बचाव कार्य में सहयोग प्रदान करने का आह्वान किया। उन्हांेने कहा कि बांध कटने की समस्या के स्थाई निदान हेतु राज्य सरकार द्वारा निर्णय लिया गया है और जल्द ही इस पर कार्य भी शुरू कर दिया जाएगा।
सम्बोधन के पूर्व, मुख्यमंत्री जी ने बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री एवं स्वीकृति पत्र वितरित किए। मुख्यमंत्री जी ने बाढ़ के दौरान दिवगंत हुईं श्रीमती किरन के आश्रित श्री बेचनलाल तथा श्री आदर्श सिंह के आश्रित श्री जंग बहादुर सिंह व श्रीमती सीमा सिंह को चार-चार लाख रुपए की राशि के स्वीकृति पत्र प्रदान किए।
मुख्यमंत्री जी ने 16 प्रभावित व्यक्तियों को गृह अनुदान स्वीकृति पत्र किए। बाढ़ से आवासीय झोपड़ी के नष्ट होने के कारण प्रत्येक व्यक्ति को 4100 रुपए का गृह अनुदान का स्वीकृति पत्र प्रदान किया गया। उन्होंने श्री रामकुमार, श्री सुखई, श्रीमती सोनापति, श्री रामजी, श्री राम प्रसाद, श्री शीतला प्रसाद, श्री गुड्डू पुत्र सनेही, श्री गुड्डू पुत्र टेढ़े, श्री सतनाम तथा श्री रामबृक्ष को राहत सामग्री के किट प्रदान किए। इसके उपरान्त मुख्यमंत्री जी ने राहत कैम्प में जाकर बाढ़ शरणार्थियों से मिलकर उनका हाल-चाल पूछा तथा जिला प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे राहत कार्यों के बारे में जानकारी प्राप्त की।
कार्यक्रम के दौरान समाज कल्याण मंत्री श्री रमापति शास्त्री, सिंचाई मंत्री श्री धर्मपाल सिंह, प्रभारी मंत्री गोण्डा श्री उपेन्द्र तिवारी सहित अन्य जनप्रतिनिधि तथा वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।