उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक ने आज लखनऊ विश्वविद्यालय के केन्द्रीय भोजनालय ‘सेन्ट्रल मेस’ का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री डा0 दिनेश शर्मा, लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 एस0पी0 सिंह सहित विश्वविद्यालय के शिक्षकगण व कर्मचारी संघ के पदाधिकारी भी उपस्थित थे। राज्यपाल ने उद्घाटन के उपरान्त रसोईघर का निरीक्षण भी किया जिसमें आधुनिक मशीनों द्वारा खाना बनाने, परोसने तथा बर्तन धोने के विशेष उपकरण लगाए गए हैं।
राज्यपाल ने आधुनिक किचन की प्रशंसा करते हुए मजाकिया अंदाज में कहा कि ‘क्या यहां केवल हाॅस्टल में रहने वाले छात्र भोजन करेंगे या अन्य छात्रों के साथ शिक्षकों को भी भोजन मिलेगा। हमारे समय में तो हाॅस्टल वालों को खाना नहीं मिलता था। क्या कुलाधिपति भी भोजन में शामिल हो सकते हैं ? देखना है कि भोजनालय में छात्र पहले बुलाते हैं या शिक्षक भोजन पर आमंत्रित करते हैं। तभी तो पता चलेगा कि भोजन कैसा है और समय पर मिलता है या नहीं।’
श्री नाईक ने कहा कि वैसे तो लखनऊ विश्वविद्यालय की खबरें रोज समाचार पत्रों में पढ़ने को मिलती हैं लेकिन आज इस उद्घाटन से अच्छी खबर पढ़ने को मिलेगी। व्यवस्था को बनाए रखना व्यवस्थापकों एवं छात्रों की जिम्मेदारी है। खाना अच्छा हो तो स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है और बौद्धिक स्तर भी बढ़ता है। अच्छा भोजन मिलेगा तो पठन-पाठन भी अच्छा होगा। उन्होंने कहा कि छात्रों के विकास के लिए विश्वविद्यालय में जीवन्त वातावरण मिलना चाहिए। राज्यपाल ने चिन्ता जाहिर कि समय से कार्य पूरा न होने के कारण इस प्रोजेक्ट को कास्ट ओवर रन और टाइम ओवर रन का सामना करना पड़ा है, जो ठीक नहीं है।
उप मुख्यमंत्री डा0 दिनेश शर्मा ने लखनऊ विश्वविद्यालय की बात करते हुए लखनऊ विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र की हैसियत से अपनी कुछ स्मृतियां ताजा की। उन्होंने कहा कि मेस में उचित व्यवस्था होनी चाहिए। छात्रों के साथ-साथ कुलपति एवं अन्य विशिष्ट लोग भी भोजन में शामिल होते रहें ताकि भोजन की गुणवत्ता के बारे में जानकारी मिलती रहे। उन्होंने आश्वस्त किया कि विश्वविद्यालय की प्रगति के लिए राज्य सरकार हर सम्भव प्रयास करेगी।
कार्यक्रम में राज्यपाल एवं उप मुख्यमंत्री को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित भी किया गया।