Categorized | लखनऊ.

राज्यपाल ने विद्या भारती के छात्रों को सम्मानित किया

Posted on 13 August 2017 by admin

छात्रों की सफलता के पीछे शिक्षकों की तपस्या होती है -श्री नाईक

माधव सभागार निराला नगर में आज पं0 दीनदयाल उपाध्याय जन्मशती वर्ष के उपलक्ष्य में विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र द्वारा ‘प्रतिभा सम्मान समारोह 2017’ का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक ने विद्या भारती के विद्यालयों के ज्ञान-विज्ञान, खेल जगत व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत तथा हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट परीक्षा 2017 में श्रेष्ठता सूची में स्थान पाने वाले 63 छात्र-छात्राओं को प्रशस्ति पत्र एवं प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया। राज्यपाल ने समारोह में भारतीय प्रशासनिक सेवा में इस वर्ष चयनित सरस्वती शिशु एवं विद्या मंदिरों के पूर्व छात्र श्री मनोज कुमार राठौर, श्री शशांक त्रिपाठी, श्री आशुतोष द्विवेदी, श्री श्रेयांश मोहन तथा श्री विवेक आनन्द शर्मा को भी सम्मानित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री यतीन्द्र शर्मा राष्ट्रीय सहसंगठन मंत्री विद्या भारती ने की तथा पद्मश्री बह्मदेव शर्मा विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
राज्यपाल ने शिक्षा के क्षेत्र में विद्या भारती के प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि प्रतिभा के लिए सम्मान पाने वाले छात्र-छात्राएं, उनके परिवार के साथ-साथ शिक्षक भी अभिनन्दनीय हैं। छात्रों की सफलता के पीछे शिक्षकों की तपस्या होती है तभी विद्यालय की पहचान बनती है। आज के दौर में शिक्षा व्यवसाय बन गई है। ऐसे समय में विद्या भारती ने एक उदात्त उदाहरण प्रस्तुत करके बताया है कि गुणवत्तायुक्त और सस्ती शिक्षा सुदूर क्षेत्रों में कैसे उपलब्ध हो सकती है। समाज के लोग खुली आंखों से काम करें तो जागरूकता उत्पन्न की जा सकती है। उन्होंने कहा कि उत्कृष्टता सूची में विद्या भारती द्वारा संचालित शिक्षण संस्थानों के छात्रों को देखकर लगता है कि विद्या भारतीय अच्छे छात्रों के निर्माण करने वाली फैक्ट्री (कारखाना) जैसा काम कर रही है।
श्री नाईक ने छात्रों को सम्बोधित करते हुए कहा कि छात्रों का धर्म शिक्षा ग्रहण करना है। यहाँ धर्म का अर्थ कर्तव्य से होता है। यदि सच्ची लगन से विद्यार्थी अपने धर्म का पालन करें तो उसे जहाँ एक ओर सम्मान मिलता है वहीं अन्य विद्यार्थियों को भी प्रेरणा मिलती है। केवल किताबी कीड़ा न होकर क्रीड़ा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी विद्यार्थी अपना योगदान दें। छात्र अपना लक्ष्य निर्धारित करके उसे प्राप्त होने तक मेहनत करें। पूर्व राष्ट्रपति डाॅ0 कलाम को उद्धृत करते हुए उन्होंने कहा कि सफलता प्राप्त करने के लिए खुली आंखों से बड़े सपने देखें और सपनों के पूरा होने तक चैन से न बैठें।
राज्यपाल ने कहा कि वसुधैव कुटुम्बकम के आधार पर काम करें तथा पं0 दीनदयाल के आदर्श चिन्तन एवं विचारों को लेकर देश को आगे बढ़ाने का प्रयास करें। उन्होंने व्यक्तित्व विकास के चार मंत्र बताते हुए कहा कि सदैव प्रसन्नचित रह कर मुस्कराते रहंे, दूसरों के अच्छे गुणों की प्रशंसा करें और अच्छे गुणों को आत्मसात करने की कोशिश करें, दूसरों को छोटा न दिखाये तथा हर काम को और बेहतर ढंग से करने का प्रयास करें। उन्होंने व्यक्तित्व विकास के साथ-साथ ‘चरैवेति! चरैवेति!!’ के आधार पर सफलता प्राप्त करने के लिए गुण बताएं।
विशिष्ट अतिथि पद्मश्री बह्मदेव शर्मा ने बताया कि विद्या भारती का लक्ष्य गौरवशाली भारत का निर्माण है। विद्या भारती से जुड़े शिक्षा संस्थान अच्छा कार्य कर रहे हैं। संस्था के माध्यम से अभाव ग्रस्त बच्चे भी अच्छी शिक्षा प्राप्त कर कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं। गत वर्ष विद्या भारती के छात्र सरफराज हुसैन नाम के छात्र ने 10वीं की परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया था। विद्या भारती धर्म और जाति के आधार पर फर्क नहीं करती। उन्होंने कहा कि छात्र राष्ट्र की सेवा के लिए प्रतिभा का प्रयोग करके समर्थ भारत बनाने में सहयोग करें।

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.

Advertise Here

Advertise Here

 

April 2025
M T W T F S S
« Sep    
 123456
78910111213
14151617181920
21222324252627
282930  
-->









 Type in